केंद्र सरकार की नयी पहल से बिहार में चार जातियों को मिलेगा लाभ! अति पिछड़ा में शामिल होना होगा आसान

केंद्र सरकार ने लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. जिसके तहत राज्यों को पिछड़े वर्गों की अपनी राज्य सूची तैयार करने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है. सरकार के इस नई पहल से बिहार में चार जातियों को विशेष लाभ मिल सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2021 9:06 AM

केंद्र सरकार ने लोकसभा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से संबंधित 127वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया. जिसके तहत राज्यों को सामाजिक व शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की अपनी राज्य सूची या संघ-राज्य क्षेत्र सूची तैयार करने का अधिकार देने का प्रावधान किया गया है. सरकार के इस नई पहल से बिहार में चार जातियों को विशेष लाभ मिल सकता है.

बिहार में गिरि, जागा, मल्लिक व सूर्यापुरी ये चार जातियां ऐसी हैं जिन्हें नये प्रावधान के तहत नयी उम्मीदें दिख रही हैं. गिरि व जागा जाति पिछड़ा वर्ग की कैटेगरी में शामिल है. जबकि मल्लिक व सूर्यापुरी जाति को इस कैटेगरी में नहीं रखा गया है. मल्लिक जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था लेकिन बाद में इन्हें सूची से बाहर कर दिया गया था. इन जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल होने की उम्मीदें बढ़ेंगी.

केंद्र सरकार द्वारा लायी जा रही नयी व्यवस्था के तहत अब इन जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने की राह आसान हो सकेगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय अग्रवाल ने कहा कि इस विधेयक से अब राज्यों को ओबीसी का वर्गीकरण अपने हिसाब से करने का अवसर मिलेगा.

डॉ. संजय ने कहा कि कई जातियां आज भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कैटेगरी में आती हैं. वहीं अदालत ने यह फैसला लिया था कि ओबीसी आयोग ही पिछड़ी जातियों का फैसला करेगा. लेकिन इससे परेशानी बढ़ रही थी और एक लंबी प्रक्रिया के कारण समय लगता था. केंद्र सरकार ने इसे सरल बनाने ही ये विधेयक लाया है.

गौरतलब है कि केंद्र की इस नयी पहल से राज्य सरकारें नयी जातियों को पिछड़ा वर्ग में शामिल कर सकेंगी. यह अधिकार पहले भी राज्यों के पास था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद यह अधिकार राज्यों से ले लिया गया था.

बता दें कि बिहार में 113 जातियां ओबीसी की सूची में शामिल है. जिसमें 113 जातियां अति पिछड़ा वर्ग व 31 जातियां पिछड़ा वर्ग के तहत आते हैं. राज्य आयोग वर्तमान में सक्रिय नहीं है. इसका पुनर्गठन नहीं किया गया है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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