बिहार में इंजीनियर के फ्लैट से 15.5 लाख कैश, आधा किलो सोना और तीन किलो चांदी बरामद

निगरानी की टीम ने मंगलवार को शहर के गोसांई टोला स्थित नित्यानंद इंक्लेव अपार्टमेंट के उनके फ्लैट नंबर 403 में छापेमारी की, जिसके दौरान 15.5 लाख कैश, आधा किलो सोना और तीन किलो चांदी मिली.

By Prabhat Khabar | September 15, 2021 6:59 AM

पटना. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ नकेल कसने की मुहिम में पथ निर्माण विभाग के एक एक्जीक्यूटिव इंजीनियर कौन्तेय कुमार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की जद में आ गये. निगरानी की टीम ने मंगलवार को शहर के गोसांई टोला स्थित नित्यानंद इंक्लेव अपार्टमेंट के उनके फ्लैट नंबर 403 में छापेमारी की, जिसके दौरान 15.5 लाख कैश, आधा किलो सोना और तीन किलो चांदी मिली.

बरामद ज्वेलरी की कीमत 33.75 लाख से ज्यादा आंकी जा रही है. इसके अलावा पटना के बोरिंग रोड स्थित कृष्णा अपार्टमेंट के आठवें तल्ले पर इनके दो अन्य फ्लैट (82 व 83) और रांची व पटना में छह-सात प्लॉट का पता चला है. साथ ही निवेश से जुड़े अन्य कई कागजात भी मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है.

शुरुआती जांच में जो भी बरामदगी हुई है, उसका बाजार मूल्य करोड़ों में है. फिलहाल विभाग के गुलजारबाग स्थित पटना सिटी प्रभाग के कार्यालय में तैनात इंजीनियर कौन्तेय पर ज्ञात स्रोतों से एक करोड़ 77 लाख रुपये अधिक का डीए केस दर्ज किया गया है. जांच पूरी होने के बाद इनकी अवैध संपत्ति का दायरा बढ़ने की संभावना है.

आठ से अधिक बैंक खाते मिले

फिलहाल इंजीनियर के आठ से ज्यादा बैंक खातों का भी पता चला है. इसका पूरी डिटेल निकाला जा रहा है, तब स्पष्ट होगा कि इनमें कितने पैसे जमा हैं. साथ ही इन बैंक खातों से हुए सभी तरह के लेनदेन का भी रिकॉर्ड निकाला जा रहा है, ताकि इससे पता चल सके कि कितने रुपये कहां-कहां से कब-कब आये या गये हैं. एक बैंक लॉकर भी पता चला है, जिसे खोलने पर ही पता चलेगा कि इसमें क्या-क्या है.

दिल्ली से पहुंचते एयरपोर्ट पर इंजीनियर को पकड़ा

सुबह जब निगरानी की टीम उनके घर रेड करने पहुंची, तो घर पर ताला लगा मिला. यह देख निगरानी की टीम को पहले यह शक हुआ कि इंजीनियर को कहीं पहले से उनके आने की खबर तो नहीं हो गयी. इसलिए वह ताला मारकर फरार हो गये हैं, लेकिन मैसेज लीक होने की कहीं से कोई गुंजाइश नहीं थी.

इसके बाद कौन्तेय कुमार के मोबाइल का टॉवर लोकेशन ट्रेस किया गया, तो पहले पता चला कि वह दिल्ली में है. फिर उसका फोन स्वीच ऑफ आने लगा. तब निगरानी ब्यूरो की टीम ने एयरपोर्ट पहुंच कर दिल्ली से आने वाली सभी फ्लाइटों की पैसेंजर लिस्ट चेक की, तो उनका नाम दिखा. तब टीम यह कन्फर्म हो गयी कि वह दिल्ली से पटना लौट रहे हैं.

फिर जैसे ही सुबह करीब 11:30 बजे उसकी फ्लाइट यहां लैंड की, तो निगरानी की टीम ने सीआइएसएफ के सहयोग से उसे पकड़ा और उन्हें लेकर उनके फ्लैट पहुंची. इसके बाद रेड शुरू किया गया. पूछताछ में पता चला कि वह किसी निजी काम से अचानक शनिवार की दोपहर को दिल्ली चले गये थे. इससे पहले उनकी रेकी में यह स्पष्ट जानकारी मिली थी कि वह शुक्रवार तक फ्लैट में ही मौजूद थे.

30 लाख से ज्यादा की 31 बीमा पॉलिसी मिलीं

छापेमारी में 30 लाख से ज्यादा की 31 बीमा पॉलिसी भी मिली हैं. ये पॉलिसी कई कंपनियों की हैं. इनमें एसपीआइ लाइफ, रॉयल सुंदरम, जेनरल इंश्योरेंस, बजाज आलियांज, एचडीएफसी लाइफ, टाटा एआइए, एक्सिस एएफ, आइसीआइसीआइ प्रुडेंट, कोटक लाइफ, रिलायंस लाइफ समेत अन्य कंपनियां शामिल हैं.

आठ महीने में भ्रष्ट अफसरों के घर से मिला 16 करोड़ से ज्यादा कैश

  • कृषि विभाग के भूमि संरक्षक के निदेशक गणेश कुमार : 1.44 करोड़

  • सीवान जिला पर्षद के अभियंता धनजंय मणि तिवारी : 1.55 करोड़

  • हाजीपुर अंचल के राजस्व कर्मचारी कुमार मनीष : 9.70 करोड़

  • मुजफ्फरपुर के डीटीओ रजनीश लाल: 1.24 करोड़

  • सीतामढ़ी के मध्य विद्यालय के शिक्षक मोहम्मद युसुफ सिद्दीकी : 44.83 लाख

  • राज्य पुल निर्माण निगम के अभियंता रवींद्र कुमार : 1.47 करोड़

  • पथ निर्माण विभाग के गुलजारबाग डिविजन के कार्यपालक अभियंता कौन्तेय कुमार : 15.5 लाख

पूर्व वरीय रेल अभियंता व बिल्डर को इडी ने लिया पांच दिनों के रिमांड प 

इडी ने जेल में बंद पूर्व वरीय रेल अभियंता चंदेश्वर प्रसाद यादव व बिल्डर अनिल सिंह से पूछताछ के लिए पांच दिनों के रिमांड पर लिया है. पीएमएलए के विशेष जज सह जिला जज सुनील दत्त मिश्रा ने दोनों को रिमांड पर लेने की अनुमति दी थी. इन दोनों को कुछ दिनों पहले इडी ने पकड़ा था.

पूर्व वरीय रेल अभियंता चंदेश्वर यादव पर रेल का स्क्रैप बेच कर 34 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है. वहीं, बिल्डर अनिल सिंह पर करोड़ों रुपये की संपत्ति रखने व एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. अनिल सिंह पर अवैध तरीके से लगभग 12.61 करोड़ रुपये से अधिक चल-अचल संपत्ति अर्जित करने का आरोप है.

Posted by Ashish Jha

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