मीठापुर-महुली एलिवेटेड फोरलेन सड़क को मंजूरी, अब पटना का ट्रैफिक पकड़ेगा रफ्तार
कैबिनेट की मुहर 1030.57 करोड़ रुपये होंगे खर्च पटना : राजधानी में पटना-गया रेलवे लाइन से पूर्व मीठापुर से रामगोविंद सिंह महुली हाॅल्ट तक की करीब 8.86 किमी एलिवेटेड फोरलेन सड़क को बुधवार को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी. करीब 1030.57 करोड़ रुपये की इस परियोजना से सीधे तौर पर मीठापुर, सिपारा, एतवारपुर, कुरथौल, […]
कैबिनेट की मुहर 1030.57 करोड़ रुपये होंगे खर्च
पटना : राजधानी में पटना-गया रेलवे लाइन से पूर्व मीठापुर से रामगोविंद सिंह महुली हाॅल्ट तक की करीब 8.86 किमी एलिवेटेड फोरलेन सड़क को बुधवार को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी. करीब 1030.57 करोड़ रुपये की इस परियोजना से सीधे तौर पर मीठापुर, सिपारा, एतवारपुर, कुरथौल, परसा और महुली के लोगों को फायदा होगा.
इसके लिए एजेंसी का चयन कर इसका निर्माण कार्य जल्द शुरू हो जायेगा. कैबिनेट के फैसले के बाद पथ निर्माण विभाग के आधिकरिक सूत्रों ने बताया कि इसका निर्माण जायका परियोजना के तहत होगा. यह सड़क पटना-गया रेल लाइन के पूरब उसके समानांतर गुजरेगी. मीठापुर बस स्टैंड के पास से शुरू होकर यह सड़क कृषि फार्म और सिपारा गुमटी होते हुए महुली हाॅल्ट के पास पटना-गया-डोभी सड़क (एनएच-83) में मिल जायेगी. पटना बाइपास को यह सड़क फ्लाइओवर के पास से क्रॉस करेगी. पटना बाइपास के नीचे इसके लिए आरओबी बनाया जायेगा.
बाइपास के दक्षिण के लोगों को शहर आने-जाने में होगी सुविधा
सूत्रों का कहना है कि बाइपास के दक्षिण पुनपुन रेलवे स्टेशन तक पटना शहर का विस्तार हो चुका है, लेकिन परसा स्टेशन तक घनी आबादी बस गयी है. महुली हाॅल्ट से आगे पटना-गया-डोभी रोड बन रहा है.
वह भी फोरलेन है, लेकिन महुली के पहले बसे लोगों के लिए पटना शहर तक आने के लिए पटना-गया रेल लाइन के पूरब की वर्तमान सड़क ही एकमात्र रास्ता है. इस पर अक्सर जाम की स्थिति रहती है. इसके अलावा सिपारा गुमटी के पास भी जाम की समस्या है. इस आबादी को पटना से जोड़ने में यह नयी सड़क सहायक होगी.
पटना में छोटे जहाजों का बनेगा टर्मिनल
पटना : इलाहाबाद से हल्दिया के बीच गंगा नदी में पटना, बेगूसराय, आरा और भागलपुर में रोरो (छोटे जहाज) टर्मिनल भी बनाये जायेंगे. वहीं सारण जिले के कालूघाट में करीब 1750 करोड़ रुपये से वर्ष 2022 तक आधुनिक बंदरगाह बनेगी. यहां नेपाल सहित अन्य देशों से मालवाहक जहाजों पर विदेशी सामान लाये और ले जाये जा सकेंगे.
इसके लिए कस्टम जांच की व्यवस्था भी रहेगी. इस संबंध में केंद्रीय एजेंसी भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को बिहार सरकार ने पांच हेक्टेयर जमीन उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. अप्रैल में जमीन उपलब्ध होने के बाद बंदरगाह का निर्माण शुरू हो जायेगा. बुधवार को भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष अमिता प्रसाद ने प्रेस काॅन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी.
इसके तहत जलमार्ग को बढ़ावा मिलेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रवीर पांडेय और जलमार्ग विकास परियोजना के चीफ इंजीनियर और प्रोजेक्ट मैनेजर रविकांत मौजूद रहे. प्राधिकरण की अध्यक्ष अमिता प्रसाद ने कहा कि बिहार सरकार को दो छोटे जहाज दिये जायेंगे. इनका निर्माण कोचीन शिपयार्ड में हो रहा है.
एक में 15 ट्रक और 150 यात्री एक बार में ढोये जा सकेंगे. वहीं, दूसरे में आठ ट्रक और 120 यात्री ढोये जा सकेंगे. इन जहाजों को अप्रैल तक आने की संभावना है. इनके चलने से पर्यावरण को भी प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग नं-1 के रूट हल्दिया से इलाहाबाद के बीच करीब 1460 किमी लंबे रास्ते में ऐसे जहाज चलाने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध है.
इस दौरान राज्य की परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने कहा कि पटना, आरा, भागलपुर और बेगूसराय जिलों (राजेंद्र सेतु के आसपास) में गंगा किनारे छोटे जहाज (रोरो) का टर्मिनल बनेगा. इससे सब्जी, बालू, स्टोन चिप्स, फ्लाइ एश सहित अन्य वस्तुओं की ढुलाई कम खर्च में हो सकेगी. इस व्यवस्था के शुरू होने से सड़कों और पुलों पर गाड़ियों का दबाव कम हो सकेगा. वर्तमान में कई पुलों की मरम्मत हो रही है.
इस व्यवस्था से सहायता मिलेगी. इस संबंध में मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण की अध्यक्ष अमिता प्रसाद के बीच हुई बातचीत में सहमति बन चुकी है. रोरो चलाने के संबंध में परिवहन विभाग ने पत्र लिखकर जल संसाधन विभाग से भी सलाह मांगी है. इसके बाद प्रकिया शुरू होगी.