स्टडी इन गुजरात का रोड शो पटना में आयोजित किया गया

पटना : गुजरात के आदि जाति विकास, वन, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री गणपत सिंह वसावा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने प्रदेश में अध्ययन करने के लिए पटना में मंगलवार को विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुख से मुलाकात की. वसावा ने पत्रकारों को बताया कि स्टडी इन गुजरात अभियान के तहत यहां एक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 28, 2020 10:18 PM

पटना : गुजरात के आदि जाति विकास, वन, महिला एवं बाल कल्याण मंत्री गणपत सिंह वसावा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अपने प्रदेश में अध्ययन करने के लिए पटना में मंगलवार को विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुख से मुलाकात की. वसावा ने पत्रकारों को बताया कि स्टडी इन गुजरात अभियान के तहत यहां एक रोड शो आयोजित किया गया. उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार ने अन्य राज्यों और देशों के छात्रों को गुजरात में आमंत्रित करने के उद्देश्य से स्टडी इन गुजरात अभियान की शुरुआत की है.

वसावा ने कहा कि 1990 से पहले गुजरात के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिये अन्य राज्यों में जाना पड़ता था, लेकिन अब हमने ऐसी शिक्षण संस्थाएं विकसित की हैं जो न केवल हमारे छात्रों को बल्कि अन्य राज्यों के छात्रों को भी समायोजित कर सकती हैं और बेहतर शिक्षा प्रदान करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के मार्गदर्शन में अपने प्रदेश को भारत का एजुकेशन हब के रूप में बढ़ावा देने की पहल की है.

वसावा ने कहा कि गुजरात में सेक्टोरल युनिवर्सिटीज़ की संख्या सबसे अधिक है जो इस बात का प्रमाण है कि राज्य ने सामान्य और विशिष्ट कॉलेजों को एक साथ विकसित किया है. उन्होंने कहा कि गुजरात के लगातार विकास का एक महत्वपूर्ण कारण है राज्य का सुरक्षित वातावरण और कानून व्यवस्था का एक समर्पित सिस्टम. वसावा ने कहा कि भारत और विदेशों से निवेश आकर्षित करने के अतिरिक्त, गुजरात के शिक्षा क्षेत्र में किये गए प्रयासों के परिणामस्वरूप भारत के विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में विद्यार्थी शिक्षा पाने के लिये गुजरात आते हैं. पिछले तीन सालों के दौरान लगभग 10000 विदेशी विद्यार्थी गुजरात में शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं. इस रोड शो में पटना महाविद्यालय सहित बिहार के 160 शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे. पटना में आयोजित इस रोड शो में गुजरात के 14 विश्वविद्यालयों ने भाग लिया.

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