दलाईलामा के कार्यक्रम में थे जज साहब, कोर्ट में आने का इंतजार करते रहे वकील

पटना : पटना हाइकोर्ट शनिवार को खुला था. मुकदमों की सुनवाई के लिए सूची बनाकर प्रकाशित कर दी गयी थी. अधिवक्ता हाइकोर्ट में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए पहुंच भी गये. लेकिन, अधिकतर जज बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना स्थित ज्यूडिशियल अकादमी में चले गये थे. इसको […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 19, 2020 6:52 AM

पटना : पटना हाइकोर्ट शनिवार को खुला था. मुकदमों की सुनवाई के लिए सूची बनाकर प्रकाशित कर दी गयी थी. अधिवक्ता हाइकोर्ट में अपने मुकदमों की पैरवी के लिए पहुंच भी गये. लेकिन, अधिकतर जज बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पटना स्थित ज्यूडिशियल अकादमी में चले गये थे.

इसको लेकर अधिवक्ताओं ने रोष व नाराजगी प्रकट की है. पटना हाइकोर्ट कोआर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन वरीय अधिवक्ता सह एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश चंद्र वर्मा ने बताया कि शनिवार को हाइकोर्ट विशेष तौर पर खुला था.
न्यायमूर्ति प्रभात कुमार झा व न्यायमूर्ति अरविंद श्रीवास्तव को छोड़ सभी जज उक्त कार्यक्रम में शामिल होने चले गये. इसकी वजह से ज्यादातर कोर्ट में न्यायिक कार्य नहीं हो सके. हाइकोर्ट के इतिहास में पहली बार ऐसा देखने को मिला है. उन्होंने यह भी बताया कि ऐसा बर्ताव यदि अधिवक्ता करते, तो इसे जजों द्वारा गंभीरता से लिया जाता.
कोर्ट ने मांगी विद्युत शवदाह गृहों की रिपोर्ट
पटना. हाइकोर्ट ने राज्य में विद्युत शवदाह गृहों की दयनीय हालत पर राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मुकेश रंजन व अन्य की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट को बताया गया कि पटना समेत राज्य में जो भी विद्युत शवदाह गृह हैं, उनकी हालत खराब हो गयी है. कुछ शवदाह गृह बेकार पड़े हुए हैं. इससे आम लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई अप्रैल के पहले सप्ताह में की जायेगी.

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