पटना : आंगनबाड़ी केंद्रों पर आधा मिलता है अंडा, नाश्ता गायब : मंत्री रामसेवक सिंह

पटना : समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने शुक्रवार को सक्षम के सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान मंत्री ने सभी सीडीपीओ को कहा कि ऑफिस में कम, फील्ड में अधिक समय दें. सप्ताह में एक बार आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण करें. तब मालूम होगा कि कई केंद्रों का महीनों से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 4, 2020 7:14 AM
पटना : समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह ने शुक्रवार को सक्षम के सभागार में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान मंत्री ने सभी सीडीपीओ को कहा कि ऑफिस में कम, फील्ड में अधिक समय दें. सप्ताह में एक बार आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण करें. तब मालूम होगा कि कई केंद्रों का महीनों से ताला तक नहीं खुलता है. पोषाहार के नाम पर मेनू से नाश्ता गायब है और कागजों पर दूध बच्चों को दिया जाता है. बैठक में शामिल सीडीपीओ से मंत्री ने पूछा कि बच्चों को अंडा मिलता है.
सभी ने कहा कि एक-एक अंडा दिया जाता है, तो मंत्री ने कहा कि हम तो अपने औचक निरीक्षण में यही जान पाये कि एक ही अंडे के दो टुकड़े करके दो बच्चों को दिये जाते हैं. समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि राज्य भर के 20 से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के औचक निरीक्षण में हमें कहीं नाश्ता मेनू में नहीं दिखा. मंत्री ने कहा कि बच्चों का पोषाहार आवंटन बंद नहीं हो, इसलिए सभी के पास तीन माह अधिक का आवंटन पूर्व में दिया गया है. जहां आवंटन आने में देरी होगी, वहां के अधिकारियों का वेतन भी बंद होगा. पिछले माह में भी 268 पर कार्रवाई इस मामले में हो चुकी है.
औरंगाबाद में निरीक्षण में अधिकारियों की दिखी सेटिंग
मंत्री ने कहा कि औरंगाबाद में जब हमें पांच आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करना था, तो वहां मौजूद अधिकारियों ने पहले हमें दो केंद्रों पर ले गये, जहां बच्चे भी पूरे थे और सब कुछ व्यवस्थित भी था. लेकिन जब हमने तीसरे केंद्र पर जाने को कहा, तो वहां भी अधिकारियों ने पहले से सेटिंग कर रखी थी. इन तीनों केंद्रों पर 30 से अधिक बच्चे थे और सभी ट्रेस में थे. जब हम अपनी इच्छा से दो अन्य केंंद्रों पर गये, तो सच्चाई मालूम हुई. वहां 10 बच्चाें में 12 दूसरे स्कूल के थे. उस केंद्र में बोर्ड, पानी तक नहीं थे.
जिन आंगनबाड़ी केंद्र में पेयजल और शौचालय है, उसकी लिखित ब्योरा भेजें
मंत्री ने कहा कि पेयजल और शौचालय के लिए पैसा स्वीकृत है. सभी सीडीपीओ और डीपीओ कहते हैं कि काम पूरा हो गया है. सभी अपने भवन में पानी और शौचालय की व्यवस्था है, तो उसका ब्योरा लिखित दें और उसका उपयोगिता प्रमाणपत्र डीएम के माध्यम से मुख्यालय को जनवरी अंत तक मिल जाये.
औचक निरीक्षण नहीं करने का भी दिया बहाना
मंत्री ने सभी सीडीपीओ से पूछा कि आंगनबाड़ी केंद्रों की रिपोर्ट के मुताबिक ठीक है, तो कहां-कहां आपने कितनी बार निरीक्षण किया. विक्रम, पटना सदर तीन व चार, खुशररूपुर, नौबतपुर, फुलवारी की सीडीपीओ ने अपनी-अपनी मजबूरी बनाते हुए बहाना बनाया, जिससे मंत्री संतुष्ट नहीं हुए और कहा काम कीजिए, गरीबों की हाय मत लीजिए .
अपने वेतन के साथ सेविका व सहायिका का वेतन का भी ख्याल रखें
सीडीपीओ को फटकार लगाते हुए मंत्री ने कहा कि अपना वेतन समय से लेते हैं, आपको परेशानी नहीं हो रही है. इसी तरह अाप सेविका और सहायिकाओं के वेतन का भी ख्याल रखें. उन्हीं की बदौलत केंद्र चल रहा है.

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