पटना : एक जनवरी से जारी रहेगा बालू खनन, पुरानी बंदोबस्ती की 10 माह बढ़ेगी समयसीमा

पटना : राज्य में एक जनवरी से बालू खनन जारी रहेगा. इसके लिए नदी घाटों के पुराने बंदोबस्तधारियों की बंदोबस्ती की समयसीमा बढ़ायी जायेगी और फिलहाल वे ही नदी घाटों पर बालू खनन करेंगे. खान एवं भूतत्व विभाग ने पुरानी बंदोबस्ती की समय सीमा 10 महीने बढ़ाने का प्रारूप तैयार किया है, जिस पर राज्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 27, 2019 7:26 AM
पटना : राज्य में एक जनवरी से बालू खनन जारी रहेगा. इसके लिए नदी घाटों के पुराने बंदोबस्तधारियों की बंदोबस्ती की समयसीमा बढ़ायी जायेगी और फिलहाल वे ही नदी घाटों पर बालू खनन करेंगे.
खान एवं भूतत्व विभाग ने पुरानी बंदोबस्ती की समय सीमा 10 महीने बढ़ाने का प्रारूप तैयार किया है, जिस पर राज्य कैबिनेट की अगली बैठक में मंजूरी के बाद यह लागू हो जायेगा. इस संबंध में खान एवं भूतत्व विभाग के आला अधिकारियों की गुरुवार देर शाम तक मैराथन बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया.
सूत्रों का कहना है कि राज्य में नदी घाटों के पुराने बंदोबस्तधारियों की पांच साल की बंदोबस्ती की समयसीमा 31 दिसंबर की आधी रात खत्म होने वाली थी. वहीं, नयी बालू नीति के तहत नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया चल रही थी. पहले चरण में 13 जिलों के नदी घाटों की बंदोबस्ती होनी थी, लेकिन नदी घाटों के नये बंदोबस्तधारी पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद बालू खनन की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.
ऐसे में एक जनवरी से बालू खनन बंद होने और राज्य में बालू संकट पैदा होने की आशंका थी. इसको लेकर राज्य सरकार के भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग सहित अन्य विभागों ने अपने ठेकेदारों को अगले छह महीने तक के लिए 31 दिसंबर तक बालू जमा करने का निर्देश दिया था, ताकि काम बाधित नहीं हो.
सूत्रों का कहना है कि राज्य भर में कुल 29 जिलों में बाले खनन की बंदोबस्ती होनी है. नयी बालू नीति के तहत बंदोबस्ती के इच्छुक लोगों या फर्म को अधिकतम दो बालू घाटों या 200 हेक्टेयर में से, जो कम होगा, उसकी बंदोबस्ती दी जायेगी. हालांकि, खान एवं भूतत्व विभाग ने करीब 330 नदी घाटों का माइनिंग प्लान तैयार कर पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए सक्षम प्राधिकार सिया को भेज दिया है.
एनजीटी की रोक से हुई देरी : नयी बालू नीति के तहत नदी घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया पर एनजीटी ने रोक लगा दी थी. 12 दिसंबर को अपने निर्णय में एनजीटी ने नयी बालू नीति को सही मानते हुए इसके अनुसार बंदोबस्ती प्रक्रिया जारी रखने का आदेश दिया. इससे कुछ ही जिलों के नदी घाटों की बंदोबस्ती 31 दिसंबर तक पूरी नहीं हो पायी. इसके बाद सिया से पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद ही बालू खनन शुरू हो सकता है.

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