रिटायरमेंट की उम्र छिपा 6 साल कर ली नौकरी

बाढ़ : नगर पर्षद में गायब सर्विस बुक मिलने के बाद बड़ा घपला उजागर हुआ है. प्रभारी सफाई निरीक्षक सुनील कुमार ने अपनी रिटायरमेंट की उम्र छिपाकर 6 साल अधिक नौकरी करते हुए 20 लाख रुपये हड़प लिये. इस मामले को लेकर नगर पर्षद प्रशासन द्वारा आरोपित कर्मी को नोटिस दी जा रही है. नवंबर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2019 8:08 AM

बाढ़ : नगर पर्षद में गायब सर्विस बुक मिलने के बाद बड़ा घपला उजागर हुआ है. प्रभारी सफाई निरीक्षक सुनील कुमार ने अपनी रिटायरमेंट की उम्र छिपाकर 6 साल अधिक नौकरी करते हुए 20 लाख रुपये हड़प लिये. इस मामले को लेकर नगर पर्षद प्रशासन द्वारा आरोपित कर्मी को नोटिस दी जा रही है. नवंबर 2013 में प्रभारी सफाई निरीक्षक सह चालक सुनील कुमार की सेवानिवृत्ति निर्धारित मापदंडों के आधार पर हो जानी चाहिए थी.

इसी दौरान साजिश के तहत कर्मियों की सर्विस बुक को गायब कर दिया गया. पिछले दिनों हुए हंगामे के बाद सर्विस बुक की खोजबीन की गयी. इसके लिए नगर प्रबंधक के नेतृत्व में गठित कमेटी ने जांच पड़ताल की तो बड़ा घपला सामने आया. सुनील कुमार ने जान बूझकर अपनी रिटायरमेंट की उम्र छुपा कर 6 साल अधिक नौकरी कर सैलरी में मोटी रकम प्राप्त कर ली है.
फिलहाल इस कर्मी को 34000 रुपये वेतन मिल रहे थे. हैरत की बात यह है कि सितंबर 2019 तक अपडेट पेमेंट लेने वाले इस कर्मी के सर्विस बुक में 1988 में अंतिम सूचना दर्ज की गयी थी. इसके बाद से इस बुक को अपडेट नहीं किया गया था. वहीं दूसरी तरफ नगर पर्षद प्रशासन द्वारा बिना सर्विस बुक जांच किये ही कर्मियों को वेतन का भुगतान करता रहा.
आरोपित कर्मी को नोटिस
कार्यपालक पदाधिकारी जया ने बताया कि मामला उजागर होने के बाद आरोपित कर्मी को नोटिस दी जा रही है. जांच के दौरान कर्मी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का मौका दिया जायेगा.
वहीं वेतन के दौरान करीब 72 माह तक अधिक वेतन लेने के दौरान प्राप्त की गयी राशि की रिकवरी भी नियमानुसार प्रक्रिया के तहत करायी जायेगी.बाढ़ नगर परिषद में घपलों की भरमार है। विगत 1 वर्ष से नगर परिषद की कमेटी की बैठक नहीं होने के कारण सफाई कर्मियों को बिना अनुबंध विस्तार के ही वेतन का भुगतान किया जा रहा है.
जबकि उन्हें 6 माह पूर्व विस्तार किया जाना चाहिए था। कई कर्मियों की सर्विस बुक पूरी तरह से अपडेट किए बिना ही उन्हें लगातार वेतन भुगतान किया जाता रहा है। इस दौरान 1 दर्जन से अधिक कार्यपालक पदाधिकारी पदस्थापित रहे। लेकिन किसी ने भी सर्विस बुक की सुधि नहीं ली। लिहाजा कर्मी भी धड़ल्ले से नियमों की बलि चढ़ाते रहे। फिलहाल कई कर्मियों की नियुक्ति को लेकर उंगलियां उठ रही है।

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