टाल इलाके के 30 % खेतों में हो सकी दलहन की बुआई

मोकामा : मोकामा टाल इलाके में इस बार महज 30 फीसदी खेतों में ही दलहन की बुआई हो सकी है. असमय बारिश के बाद टाल में जलजमाव को लेकर यह समस्या हुई. जिससे तकरीबन 20 हजार हेक्टयर में दलहन लगाने वाले हजारों किसान प्रभावित हैं. शनिवार को कृषि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार मंडल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 15, 2019 8:08 AM

मोकामा : मोकामा टाल इलाके में इस बार महज 30 फीसदी खेतों में ही दलहन की बुआई हो सकी है. असमय बारिश के बाद टाल में जलजमाव को लेकर यह समस्या हुई. जिससे तकरीबन 20 हजार हेक्टयर में दलहन लगाने वाले हजारों किसान प्रभावित हैं.

शनिवार को कृषि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार मंडल ने इलाके में घूमकर बुआई की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया. दलहन बुआई की सबसे खराब स्थिति मरांची, औटा, मोर, कंहायपुर आदि निचले टाल क्षेत्र में है. केवल ऊपरी टाल में फसल लगायी जा सकी है.
संयुक्त सचिव ने जानकारी दी कि किसानों की शिकायत पर टाल की खेती का अवलोकन किया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट विभाग में दी जायेगी. मोकामा व घोसवरी प्रखंड में कमोबेश बुआई की एक जैसी स्थिति है. खाली पड़े टाल के 70 फीसदी खेतों में वैकल्पिक फसल लगाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है. कृषि विशेषज्ञों की टीम इस पर जल्द ही रिपोर्ट देगी.
विकल्प के रूप में मूंग, सूर्यमुखी, मक्का आदि फसल लगायी जा सकेगी. किसानों को हरसंभव सरकारी मदद दी जायेगी. पटवन के साधन उपलब्ध कराने के लिए किसानों को अनुदान का लाभ दिया जायेगा. किसानों ने निचले टाल क्षेत्र से समय पर पानी निकालने के लिए टाल से गंगा नदी को पइन से जोड़ने की मांग की है. इसकी भी अनुशंसा की जायेगी. संयुक्त सचिव ने टाल के मामले में प्रखंड कृषि कार्यालय में बैठक भी की.
जिसमें अनुमंडल कृषि पदाधिकारी राजेश कुमार, अंचलाधिकारी रामप्रवेश राम, प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश कुमार मिश्र, किसान सलाहकार संदीप कुमार, पवन पटेल, कंहायपुर पैक्स अध्यक्ष उमेश शर्मा, प्रगतिशील किसान ब्रजभूषण, भवेश आदि मौजूद रहे.
किसानों का कहना है कि वैकल्पिक फसल की बुआई करने पर सबसे बड़ी समस्या पटवन की होगी. टाल में चंद किसानों के पास ही पटवन का साधन है. ऐसे में खेत परती रहने की नौबत आ गयी है. किसानों ने क्षति का आकलन कर मुआवजा देने की मांग की.

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