खुलेआम चल रहा दवा लिखो, पैकेज लो का ऑफर

पटना : ये दो दृश्य तो केवल उदाहरण भर हैं. डायरेक्ट परसेंटेज पैकेज, थाई और स्विस पैकेज, बैकडोर पैकेज और इनर पैकेज. यह शब्दावली किसी कॉरपोरेट कंपनियों के दीवाली धमाका ऑफर नहीं है, न ही यह किसी एमबीए प्रोफेशनल्स के क्लास की टर्मिनोलॉजी है. यह दवाइयों को खपाने के धंधे का सच है. महंगी दवाइयों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 20, 2019 5:23 AM

पटना : ये दो दृश्य तो केवल उदाहरण भर हैं. डायरेक्ट परसेंटेज पैकेज, थाई और स्विस पैकेज, बैकडोर पैकेज और इनर पैकेज. यह शब्दावली किसी कॉरपोरेट कंपनियों के दीवाली धमाका ऑफर नहीं है, न ही यह किसी एमबीए प्रोफेशनल्स के क्लास की टर्मिनोलॉजी है.

यह दवाइयों को खपाने के धंधे का सच है. महंगी दवाइयों को खपाने के खेल में कितने गोरखधंधे चल रहे हैं, यह जानने के लिए आप किसी नर्सिंग होम के कार्यकलाप को ध्यान से देख लीजिए या फिर मेडिकल रिप्रजेंटेटिव्स से मिल कर बात कर लीजिए. यहां एक से बढ़कर एक पैकेज डॉक्टर साहब के लिए तैयार किये जाते हैं. इसका असर दवा की कीमतों पर पड़ता है. लोगों को दवा के लिए ज्यादा कीमत देनी पड़ती है.
दृश्य : एक
क्या डॉक्टर साहब? क्या लीजिएगा, थाई पैकेज लीजिएगा या सेल में डायरेक्ट हिस्सेदारी चाहिए? बताइए तो सही. आप केवल हमारी कंपनी की दवा लिखते रहिए. 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी तो आपको दे ही देंगे सर और थाई पैकेज चाहिए तो बताइए.
दृश्य : दो
डॉक्टर साहब, दीवाली आ रही है. नर्सिंग होम का इंटीरियर तो बदलवा लीजिए सर. जलजमाव में घर भी खराब हो गया है और अपने घर का मेकओवर करा लीजिए. यह पैकेज हम दे देंगे सर. हमारी कंपनी की दवा लिखते रहिए.
सब गंदा है लेकिन धंधा है यह
एक दवा कंपनी से पिछले बीस सालों से जुड़े त्रिपुरारी कहते हैं कि अब डॉक्टरों की महत्वाकांक्षा बढ़ी है. इस कारण हमें उनके मुताबिक पैकेज तैयार करना पड़ता है. मसलन थाई पैकेज उसी का एक उदाहरण है. थाई यानी थाईलैंड की यात्रा के लिए पैकेज तैयार करते समय कई सावधानियां बरतनी पड़ती हैं.
डॉक्टर साहब को घर में भी जवाब देना होता है तो उसके लिए हमने बीच का रास्ता अख्तियार किया है. उन्हें किसी विश्वविद्यालय के सेमिनार में लेक्चर का इन्विटेशन बनाकर देते हैं. थाइलैंड में जकूजी से लेकर डांस और ज्वाय क्लब की मेंबरशिप भी ऑफर की जाती है.
कैस-कैसे पैकेज?
डायरेक्ट पैकेज : इस पैकेज में कुल बिक्री की 20 से 30 फीसदी की हिस्सेदारी सीधे डॉक्टरों को दी जाती है.
थाई और स्विस पैकेज : इस पैकेज में थाईलैंड और स्विट्जरलैंड की यात्रा करायी जाती है. इसके लिए एक निश्चित सीमा तक सेल कराना होता है.
बैक डोर पैकेज : इसमें गाड़ी से लेकर महंगी इलेक्ट्रॉनिक सामग्री दी जाती है. यह इएमआइ पर तय होता है. जब तक दवा लिखते रहेंगे तब तक इएमआइ कंपनी भरेगी, दवा लिखना बंद तो इएमआइ बंद.
इनर पैकेज : इसमें घर के इंटीरियर बदलने से लेकर नर्सिंग होम का मेकओवर कराने का खर्च कंपनी मुहैया कराती है.

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