पटना : फिर से गिर सकता है ग्राउंड वाटर लेवल

ग्राउंड वाटर रिचार्ज की करनी होगी व्यवस्था पटना : राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण बढ़ा ग्राउंड वाटर लेवल फिर से गिर सकता है. इसका कारण यह है कि राज्य में ग्राउंड वाटर रिचार्ज की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सिंचाई और पेयजल के लिए बोरिंग से पानी निकालने का असर ग्राउंड वाटर पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2019 7:51 AM
ग्राउंड वाटर रिचार्ज की करनी होगी व्यवस्था
पटना : राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण बढ़ा ग्राउंड वाटर लेवल फिर से गिर सकता है. इसका कारण यह है कि राज्य में ग्राउंड वाटर रिचार्ज की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में सिंचाई और पेयजल के लिए बोरिंग से पानी निकालने का असर ग्राउंड वाटर पर पड़ता है. जितनी मात्रा में पानी निकलता है, उतनी मात्रा में आम दिनों में पानी जमीन के नीचे तक नहीं पहुंचता है.
वहीं बारिश और बाढ़ में सभी नदियां और तालाब आदि भर जाते हैं और ग्राउंड वाटर रिचार्ज होकर इसमें बढ़ोतरी हो जाती है. हालांकि राज्य सरकार के जल जीवन हरियाली अभियान में ग्राउंड वाटर रिचार्ज की व्यवस्था की गयी है. इसका असर अगले साल बरसात के बाद दिखने की उम्मीद है.
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन और हरियाली के तहत एक एकड़ से बड़े करीब तीन हजार तालाबों की मरम्मत होगी.
वहीं ग्राउंड वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए करीब छह हजार सोख्ता बनाये जायेंगे. सिंचाई सुविधाओं के विकास के लिए छोटी नदियों पर करीब दो हजार चेक डैम बनेंगे और करीब 1600 आहर-पइन की मरम्मत होगी. करीब 13 अरब रुपये की इन योजनाओं पर काम शुरू हो चुका है. यह जिम्मेवारी लघु जल संसाधन विभाग को दी गयी है. इसे मार्च 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है.
सोख्ता से सुधरेगा ग्राउंड वाटर लेवल
सूत्रों का कहना है कि करीब 27 करोड़ रुपये की लागत से छह हजार सोख्ता बनाये जायेंगे. इसके जरिये बारिश का पानी छनकर जमीन के भीतर जायेगा. इसका मकसद ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाना है. पहले चरण में इसे सरकारी भवनों और स्कूलों में बनाया जायेगा. इसके साथ ही सभी छोटी नदियों पर करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से दो हजार चेक डैम बनाये जायेंगे.

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