एचडीएफसी भवन को कब्जे में लेगा निगम

चिल्ड्रेंस पार्क,एसके पुरी के सामने स्थित है बैंक बैंक को तीस दिनों में खाली करने का नोटिस भवन व परिसर का उपयोग करेगा निगम पटना : एसके पुरी स्थित चिल्ड्रेंस पार्क के सामने आवंटित भूखंड 165 बी (एचडीएफसी बैंक) को नगर निगम अपने कब्जे में लेगा. उक्त भूखंड पर चल रहे विजिलेंस केस की सुनवाई […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 2, 2014 6:23 AM

चिल्ड्रेंस पार्क,एसके पुरी के सामने स्थित है बैंक

बैंक को तीस दिनों में खाली करने का नोटिस

भवन व परिसर का उपयोग करेगा निगम

पटना : एसके पुरी स्थित चिल्ड्रेंस पार्क के सामने आवंटित भूखंड 165 बी (एचडीएफसी बैंक) को नगर निगम अपने कब्जे में लेगा. उक्त भूखंड पर चल रहे विजिलेंस केस की सुनवाई करते हुए नगर आयुक्त ने शुक्रवार को आदेश जारी किया. आदेश में कहा गया है कि लीज डीड के शर्तो का उल्लंघन करते हुए व्यावसायिक बहुमंजिलीय भवन निर्माण हो रहा है.

बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 488 के तहत नक्शे की स्वीकृति वापस ली जाती है. उक्त भूखंड पर बी प्लस जी प्लस सात बहुमंजिलीय अर्धनिर्मित सह निर्माणाधीन संरचना को अवैध घोषित किया जाता है. आदेश के अनुसार भूस्वामी को उनके द्वारा जमा किये गये अब तक की किस्तों पर छह फीसदी प्रतिवर्ष ब्याज की दर से उक्त हिस्से के भूखंड रकबा का भुगतान किया जायेगा.

बिजली कनेक्शन काटने का निर्देश : एचडीएफसी को 30 दिनों में परिसर खाली करने का आदेश दिया गया है. बैंक को दिये गये बिजली कनेक्शन पंद्रह दिन में काटने के लिए पेसू को लिखा गया है. उक्त भवन व परिसर का उपयोग नगर निगम खुद करेगा. निगम के भू-संपदा अधिकारी को संबंधित भूखंड को 30 दिनों में अपने कब्जे में लेने के लिए कहा गया है.

आदेश के अनुसार निर्माणाधीन भवन के किसी अंश का निबंधन नहीं करने का आदेश जिला अवर निबंधक को दिया गया है. नगर आयुक्त के आदेश के विरुद्ध भूस्वामी को सक्षम प्राधिकार के समक्ष अपील दायर करने के लिए समय दिया गया है. उक्त भूखंड के स्वामी गोविंद मोहन मिश्र हैं, लेकिन नक्शे की स्वीकृति गुणोंद्र मोहन मिश्र,गजेंद्र मोहन मिश्र व नीरेंद्र मोहन मिश्र के नाम करायी गयी है.

उपलब्ध नक्शा फर्जी : सुनवाई में पाया गया कि अभियंत्रण जांच दल को उपलब्ध कराया गया नक्शा फर्जी है. स्वीकृत नक्शा बी प्लस जी प्लस 6 की जगह बी प्लस जी प्लस 7 का निर्माण हो रहा है. लीज डीड के अनुसार उक्त भूखंड आवासीय है, लेकिन उसका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए हो रहा है.

उक्त भूखंड की प्रथम मूल स्वीकृति पहली अगस्त 1980 को हुई. इसमें भवन जी प्लस एक तल्ले के लिए स्वीकृत किया गया. स्वीकृत नक्शे का नवीकरण पहली अगस्त, 1983 से 31 जुलाई 1985 तक के लिए किया गया. लीज डीड की शर्त के अनुसार भूखंड आवासीय उपयोग के लिए दिया गया था, जिसका उल्लंघन करते हुए फर्जी नक्शा स्वीकृत कराने का प्रयास किया गया. पीआरडीए (विघटित) द्वारा आवंटित भूखंड पर रूल 1978 लागू है.

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