बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब मिलेंगे केवल तीन अवसर

इस बार छोटी जगहों के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज भी नामांकन में रहे आगे पटना : प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अब केवल तीन मौके ही मिलेंगे. इसके पहले इस तरह की कोई लिमिट नहीं थी. छात्र जितनी बार चाहें, उतनी बार प्रवेश परीक्षा दे सकते थे. अब ऐसा नहीं होगा. प्रदेश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | September 20, 2019 8:49 AM

इस बार छोटी जगहों के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज भी नामांकन में रहे आगे

पटना : प्रदेश के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश के लिए अब केवल तीन मौके ही मिलेंगे. इसके पहले इस तरह की कोई लिमिट नहीं थी. छात्र जितनी बार चाहें, उतनी बार प्रवेश परीक्षा दे सकते थे. अब ऐसा नहीं होगा. प्रदेश के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की देखरेख में प्रत्येक जिले में संचालित सभी 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में इंडक्शन मीट चालू हो चुका है.

फिलहाल प्रदेश के 38 सरकारी कॉलेजों में 9613 की तुलना में 5114 सीटें ही भरी जा सकी हैं. प्रदेश में छोटी-छोटी जगहों और दूरदराज के जिलों में भी इस बार 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में अच्छी संख्या में नामांकन हुए हैं.

इनमें कई कॉलेज ऐसे हैं, जहां बड़ी जगहों के नामी-गिरामी इंस्टीट्यूट की तरह ही छात्रों ने अपना नामांकन कराया है. राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस बार हुए सभी नामांकन इंजीनियरिंग की राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर हुए हैं. इससे पहले राज्य में बिहार संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये ही नामांकन होते थे.

बड़े सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन

कॉलेज प्रवेश सीटें नामांकन (%)

एमआइटी मुजफ्फरपुर 276 289 95

बीसीइ बख्तियारपुर 242 252 96

सीइसी गया 237 252 94

बीसीइ भागलपुर 310 315 98.41

एक प्राचार्य को आठ इंजीनियरिंग काॅलेजों की जिम्मेदारी, दूसरे को पांच की कमान

पटना : अद्भुत, पर सच है. विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग ने एक प्राचार्य को आठ अलग-अलग जिलों के इंजीनियरिंग काॅलेजों की जिम्मेदारी दी है. वहीं, एक अन्य प्राचार्य को पांच जिलों के इंजीनियरिंग काॅलेजों की कमान सौंपी गयी है.

बख्तियारपुर सरकारी इंजीनियरिंग काॅलेज के प्राचार्य डाॅ कुमार सुरेंद्र की तैनाती राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय भोजपुर, राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय बक्सर और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में उपनिदेशक के पद पर भी की गयी है.

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र कुमार मिश्र ने गुरुवार को एक और आदेश जारी किया, जिसमें डॉ कुमार सुरेंद्र को लोकनायक जयप्रकाश प्रौद्योगिकी छपरा, राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय गोपालगंज, राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय कैमूर व राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय सीवान का अतिरिक्त प्रभार सौंप दिया गया. पूरे सप्ताह में अधिकतम कार्यदिवस छह होते हैं.

ऐसे में बतौर प्राचार्य डाॅ कुमार सुरेंद्र इन कॉलेजों को कैसे संभाल पायेंगे, इसे सहज ही समझा जा सकता है. इसी तरह गया स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ निर्मल कुमार के पास चार अन्य काॅलेजों का प्रभार हो गया है.छह महीने पहले ही उन्हें सासाराम अभियंत्रण महाविद्यालय के अतिरिक्त प्रभार से मुक्त किया गया था.

लेकिन उन्हें गुरुवार को जारी एक आदेश के जरिये दोबारा इस संस्थान का अतिरिक्त प्रभार दे दिया गया. डॉ निर्मल कुमार के पास पहले से राजकीय अभियंत्रण काॅलेज औरंगाबाद, राजकीय अभियंत्रण कॉलेज अरवल और राजकीय अभियंत्रण कॉलेज जहानाबाद का अतिरिक्त प्रभार है.

डॉ बिमल कुमार को राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय लखीसराय और राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय मुंगेर का अतिरिक्त प्रभार दिया है. अमरेश कुमार रे प्रभारी प्राचार्य रामधारी सिंह दिनकर अभियंत्रण महाविद्यालय बेगूसराय को अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है, जबकि इन्हें सिर्फ तीन महीने पहले दरभंगा अभियंत्रण महाविद्यालय के प्राचार्य पद से हटाया गया है.

Next Article

Exit mobile version