हरित आवरण बढ़ाने की कवायद, बिहार में अगले साल पांच करोड़ पौधे लगेंगे, कम पड़े तो होगी खरीदारी

पटना : राज्य में अगले साल करीब पांच करोड़ पौधे लगाने की योजना है. पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग इस पर काम कर रहा है. राज्य की करीब 250 नर्सरी में इतनी बड़ी संख्या में पौधों का तैयार होना संभव नहीं है, इसलिए बाकी के पौधे दूसरे प्रदेशों से खरीद कर मंगाये जायेंगे.पौधों के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 25, 2019 4:36 AM

पटना : राज्य में अगले साल करीब पांच करोड़ पौधे लगाने की योजना है. पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग इस पर काम कर रहा है. राज्य की करीब 250 नर्सरी में इतनी बड़ी संख्या में पौधों का तैयार होना संभव नहीं है, इसलिए बाकी के पौधे दूसरे प्रदेशों से खरीद कर मंगाये जायेंगे.पौधों के रखरखाव की पुख्ता व्यवस्था की जायेगी. समय-समय पर इनकी मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था करने की योजना है. पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राज्य सरकार लगातार हरित आवरण बढ़ाने को नयी योजनाएं बना रही है.

फिलहाल 2022 तक राज्य को 17 फीसदी हरा-भरा करने का लक्ष्य है. जिस गति से पौधारोपण हो रहा है, यदि उन पौधों का संरक्षण कर लिया जाये, तो हरित आवरण का लक्ष्य अपनी सीमा पार कर जायेगा. राज्य में एक अगस्त से वन महोत्सव मनाया जा रहा है. इस दौरान अब तक सवा करोड़ पौधे लगाये गये हैं.
पश्चिम बंगाल और हैदराबाद से लाये जायेंगे पौधे
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि अगले साल राज्य में पांच करोड़ पौधे लगाने की नयी योजना है. इसमें चार फुट से अधिक ऊंचाई वाले पौधे लगाये जायेंगे. लेकिन, राज्य की नर्सरी में इतनी बड़ी संख्या में पौधे तैयार नहीं हो सकेंगे. ऐसे में जरूरत के अनुसार पौधों को पश्चिम बंगाल, हैदराबाद सहित अन्य राज्यों से मंगवाये जायेंगे. फिलहाल इनके खर्च का आकलन होना बाकी है.
पथ निर्माण विभाग की योजना
पथ निर्माण विभाग ने जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत राज्य की मुख्य सड़कों के किनारे पौधारोपण की योजना पर काम शुरू कर दिया है. इस संबंध में विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी अधिकारियों से पौधारोपण के लिए सड़कों की पहचान कर रिपोर्ट मांगी है.
31 अगस्त से पहले बनने वाले सभी सड़कों के किनारे पांच वर्ष से अधिक उम्र और दस फुट से अधिक ऊंचाई वाले पौधे लगाने का निर्देश दिया गया है. ये पौधे वन विभाग से लिये जायेंगे और इनको लगाने व रखरखाव का काम एजेंसी करेगी.

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