मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज करेंगे बिहार में सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा

कृषि विभाग सूखाग्रस्त प्रखंडों को कर रहा चिह्नित पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दोपहर बाद सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्य में सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा करेंगे. इस समीक्षा में संबंधित विभागों के मंत्री और उच्चाधिकारी भी मौजूद रहेंगे. कई जिलों में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण सूखे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 18, 2019 7:08 AM
कृषि विभाग सूखाग्रस्त प्रखंडों को कर रहा चिह्नित
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दोपहर बाद सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये राज्य में सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा करेंगे. इस समीक्षा में संबंधित विभागों के मंत्री और उच्चाधिकारी भी मौजूद रहेंगे. कई जिलों में पर्याप्त बारिश नहीं होने के कारण सूखे का खतरा मंडरा रहा है. बारिश के अभाव में धान की रोपनी भी लक्ष्य से पीछे है.
राज्य में इस साल 33 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन 17 अगस्त तक 25.40 लाख हेक्टेयर में ही रोपनी हो पायी. शनिवार को कृषि विभाग के सचिव एन सरवण कुमार और निदेशक आदेश तितरमारे ने जिला कृषि पदाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बाढ़- सुखाड़ की समीक्षा की.
सभी जिला कृषि पदाधिकारियों को पंचायतवार रोपनी की अद्यतन स्थिति उपलब्ध कराने को कहा गया है. कृषि विभाग ने सूखाग्रस्त प्रखंडों को चिह्नित करना भी शुरू कर दिया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की भी जानकारी विभाग ने अपने अधिकारियों से ली है.
नवादा में सबसे कम 30 फीसदी रोपनी
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार अगस्त में औसत से 46 फीसदी कम बारिश हुई है. 17 अगस्त तक 155 एमएम की जगह 85 एमएम बारिश हुई है. सबसे कम 30 फीसदी रोपनी नवादा में हुई है. पटना में 55 और नालंदा में लक्ष्य का 56 प्रतिशत ही अब तक रोपनी हो पायी है.
गया, जहानाबाद, मुंगेर, शेखपुरा , लखीसराय और बांका ऐसे जिले हैं जहां अब तक 50 फीसदी से कम रोपनी हुई है. बारिश नहीं होने से सबसे खराब स्थिति दक्षिण बिहार के जिलों की है. सभी जिलों से पंचायतवार धान की रोपनी का आंकड़ा मांगा गया है. पिछले साल 280 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया था.

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