वार्ड बना है तालाब ड्रेनेज-सीवरेज ध्वस्त

शैक्षणिक संस्थानों की भरमार वाले वार्ड 47 के हालात ठीक नहीं हैं. कुछ दिनों की बारिश में ही वार्ड के ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम ध्वस्त हो गये हैं, जिस कारण 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा तालाब में तब्दील हो गया है. सड़कों पर तीन से चार फुट पानी जमा हाे गया है. लोगों के घरों में बारिश […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 14, 2019 10:13 AM
शैक्षणिक संस्थानों की भरमार वाले वार्ड 47 के हालात ठीक नहीं हैं. कुछ दिनों की बारिश में ही वार्ड के ड्रेनेज-सीवरेज सिस्टम ध्वस्त हो गये हैं, जिस कारण 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सा तालाब में तब्दील हो गया है. सड़कों पर तीन से चार फुट पानी जमा हाे गया है.
लोगों के घरों में बारिश का पानी घुसा है. गौरतलब है कि वार्ड के हर मुहल्ले में सैकड़ों छात्र-छात्राएं किराये पर रह रही हैं. वार्ड की आबादी ढाई लाख के करीब है. लेकिन, वार्ड में रहने वाले लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. इस समस्या से आम लोगों के साथ साथ वार्ड पार्षद भी जूझ रहे हैं. शनिवार को प्रभात खबर के संवाददाता प्रभात रंजन व फोटो जर्नलिस्ट सरोज ने वार्ड का जायजा लिया. पेश है रिपोर्ट.
वार्ड के रामकृष्ण कॉलोनी की सड़क पर करीब दो फुट बारिश का पानी जमा है. यहां की निवासी बबीता के मकान के ग्राउंड फ्लोर में बारिश का पानी घुस गया है. इससे बबीता व उसके परिवार का घर में रहना मुश्किल हो गया है. यह समस्या सिर्फ बबीता ही नहीं झेल रही हैं, बल्कि संदलपुर, शिव शक्ति नगर, कस्तूरबा नगर, महावीर कॉलोनी, पंचवटी नगर, साकेत नगर, राजेंद्र नगर रोड संख्या-12ए, 12बी, श्याम मंदिर रोड में रहने वाले सैकड़ों परिवार झेल रहे हैं.
बारिश में कचरा उठाव कार्य भी पड़ा है सुस्त : वार्ड के अधिकतर इलाकों में जलजमाव है. जलजमाव से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन कार्य भी सुस्त है.
मुहल्ले के लोग खाली जगहों में कचरा फेंक रहे हैं. इससे जगह-जगह कचरे का ढेर बना है, जिसकी बदबू से स्थानीय लोग परेशान हैं. हालांकि, पानी निकासी को लेकर निगम की ओर से गैंग तैनात किये गये हैं. लेकिन, संप हाउस नहीं होने से समस्या विकराल हो गयी है. इससे वार्ड में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
वार्ड पार्षद सतीश गुप्ता बोले-काम नहीं हुआ, तो दूंगा धरना
आपके वार्ड में जलजमाव बड़ी समस्या है. इसके निदान के लिए क्या किया?
-पार्षद बनने के बाद पहला काम पानी निकासी से संबंधित योजना बनायी गयी और विभागीय मंत्री, प्रधान सचिव, मेयर व नगर आयुक्त को सौंपा. इसके साथ ही प्रत्येक बोर्ड की बैठक में समस्या से संबंधित सवाल उठाता रहा हूं. नगर आयुक्त भी निरीक्षण कर चुके हैं. लेकिन, अब तक स्थायी निदान नहीं निकाला जा सका है. शीघ्र समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो अनशन पर बैठूंगा.
अब तक संप हाउस क्यों नहीं बन सका है?
-बाजार समिति के बकरी बाजार स्थित आधा-अधूरा संप हाउस बना, जो कामयाब नहीं हुआ. नया संप हाउस बनाने को लेकर बुडको अधिकारी को जगह दी गयी. लेकिन, अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी. संप हाउस बन गया होता, तो आज जलजमाव की समस्या नहीं बनती.
एक भी पार्क
नहीं बन सका क्यों?
-हमने महावीर कॉलोनी में एक जगह चिह्नित की है, जिस पर पार्क बनाने की अनुशंसा की है. चिह्नित स्थल का निरीक्षण नगर आयुक्त भी कर चुके हैं. अंचल के कार्यपालक अभियंता को निर्देश भी दिया गया. लेकिन, अब तक कुछ नहीं किया गया है.
जर्जर सड़कों
को दुरुस्त क्यों नहीं किया जा रहा है?
-मुख्यमंत्री कच्ची नाली-
गली योजना के तहत 95 योजनाओं को चयन किया गया और अनुशंसा की गयी. इनमें सिर्फ 20 योजनाओं पर ही काम शुरू किया जा सका है. अंचल कार्यपालक अभियंता की अनदेखी से योजनाएं लटकी हुई हैं.
आपके वार्ड
में काफी अतिक्रमण है. इस समस्या से लोगों को निजात क्यों नहीं दिला रहे हैं?
-हां, यह बात सही है कि
वार्ड में अतिक्रमण अधिक है. इसकी सूची अंचल केअधिकारी को दी गयी है. लेकिन, समुचित कार्रवाई नहीं हो रही है. इससे समस्या जस-की-तस बनी है.

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