6,437 डॉक्टरों की बहाली, स्वास्थ्य मंत्री का विस में विरोध

पटना : राज्य सरकार जल्द ही 6,437 डाक्टरों की बहाली करेगी. इसके लिए विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया गया है. विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधायक विजय कुमार खेमका के सवाल पर कहा कि 6,437 डॉक्टरों की बहाली की जायेगी. इसमें 2,435 विशेषज्ञ व 4,012 सामान्य चिकित्सक शामिल हैं. इनकी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 13, 2019 3:28 AM

पटना : राज्य सरकार जल्द ही 6,437 डाक्टरों की बहाली करेगी. इसके लिए विज्ञापन जारी करने का आदेश दिया गया है. विधानसभा में शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने विधायक विजय कुमार खेमका के सवाल पर कहा कि 6,437 डॉक्टरों की बहाली की जायेगी. इसमें 2,435 विशेषज्ञ व 4,012 सामान्य चिकित्सक शामिल हैं.

इनकी बहाली की प्रक्रिया शुरू करने के लिए अधियाचना बिहार राज्य तकनीकी सेवा आयोग को भेज दी गयी है. जल्द ही बहाली की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है. जदयू की पूनम देवी यादव के प्रश्न के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य में 6,480 एएनएम अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है.
इन्हें जिला आवंटित करने का काम चल रहा है. पुनम देवी यादव ने खगड़िया जिले के अस्पताल का मामला उठाते हुए कहा कि यहां तैनात डॉक्टर पास के जिले बेगूसराय में निजी क्लिनिक चलाते हैं. यहां नहीं आते. इस पर मंत्री ने कहा कि इसकी जांच होगी.
पूछे गये 53 प्रश्न : शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग से पूछे गये तारांकित प्रश्न की संख्या 91 थी, जिसमें लगभग 33 प्रश्नों पर सवाल-जवाब हुए. कुल 53 प्रश्नों पूछे गये. स्वास्थ्य के बाद ऊर्जा विभाग के प्रश्न भी काफी संख्या में थे.
मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा
इसके पहले विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सदस्य चमकी बुखार के कारण मुजफ्फरपुर समेत अन्य जिलों में हुई बच्चों की मौत का मामला फिर से उठाया. सभी सदस्य स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए हंगामा शुरू कर दिया.
अध्यक्ष के समझाने पर सभी विपक्षी सदस्य अपनी सीट पर बैठ तो गये और सदन की कार्यवाही शुरू भी हो गयी. लेकिन स्वास्थ्य मंत्री का विरोध करते हुए राजद और कांग्रेस के सदस्यों ने विभाग से जुड़े अपना कोई सवाल नहीं पूछने का निर्णय लिया.
साथ ही दूसरे दल के किसी सदस्य के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री के जवाब देने के दौरान ‘हूटिंग’ की. यह हंगामा उस समय तक चलता रहता. जब तक उनका जवाब पूरा नहीं होता. इस दौरान मंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर लगातार नारेबाजी भी होती रही. इस तरह के विरोध जताने का यह क्रम पूरे प्रश्नकाल के दौरान चला. इस दौरान स्वास्थ्य मत्री ने कहा उनकी जुबां खुली तो कइ के पोल खुल जायेंगे.

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