पटना : हाइकोर्ट में परिवहन सचिव ने कहा, ट्रैफिक पर न अधिकारियों के सुझाव मिले, न रिपोर्ट
पटना : पटना शहर की बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था व सड़कों पर जाम होने के मामले में गुरुवार को राज्य सरकार व पटना नगर निगम ने हाइकोर्ट में कार्रवाई रिपोर्ट पेश की.... मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही व न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने पीआइएल फोरम की ओर से इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर […]
पटना : पटना शहर की बेतरतीब ट्रैफिक व्यवस्था व सड़कों पर जाम होने के मामले में गुरुवार को राज्य सरकार व पटना नगर निगम ने हाइकोर्ट में कार्रवाई रिपोर्ट पेश की.
मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही व न्यायाधीश अंजना मिश्रा की खंडपीठ ने पीआइएल फोरम की ओर से इस संबंध में दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील शशिभूषण कुमार से कहा कि वह कार्रवाई रिपोर्ट का अध्ययन कर दो सप्ताह में बताएं कि रिपोर्ट में कही गयी बातें सही हैं या नहीं.
कोर्ट ने इसके लिए उन्हें दो हफ्ते का समय दिया. याचिका में कहा गया है कि पटना में बड़े पैमाने पर अवैध अतिक्रमण व ट्रैफिक अव्यवस्था के कारण नागरिकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. हाइकोर्ट में प्रस्तुत कार्रवाई रिपोर्ट में परिवहन विभाग के सचिव ने कहा गया कि उन्होंने सभी संबंधित विभाग, नगर निगम, पथ निर्माण विभाग के साथ-साथ पटना के आयुक्त, डीएम, एसएसपी व ट्रैफिक एसपी के साथ बैठक कर इस संबंध में जानकारी देने को कहा था, लेकिन इन पदाधिकारियों ने अब तक कोई भी रिपोर्ट या सुझाव नहीं दिया गया है.
ट्रैफिक एसपी ने कहा इंस्पेक्टर-सब इंस्पेक्टर की है कमी
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पटना के ट्रैफिक एसपी ने इस संबंध में संबंधित पदाधिकारी को लिखा है कि उनके यहां पुलिस इंस्पेक्टर व सब इंस्पेक्टर की कमी है. कुछ ऐसे अधिकार हैं, जिनके अभाव में वह ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने में अपने को असहज महसूस कर रहे हैं.
अगर उन्हें ये अधिकार मिल जाते हैं, तो उन्हें ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल करने में काफी सहूलियत होगी. याचिकाकर्ता के वकील शशिभूषण कुमार ने बताया कि रिपोर्ट में एक दूसरे पर ही आरोप-प्रत्यारोप लगाये गये हैं. कोई भी ठोस जानकारी इस रिपोर्ट में नहीं दी गयी है कि कैसे ट्रैफिक व्यवस्था को कंट्रोल किया जाये. केवल कोर्ट को गुमराह किया जा रहा है.
