पटना : 16 जिलों में चिकेन पाॅक्स व मिजिल्स का बढ़ रहा प्रकोप

टीकाकरण के बाद भी मामले आ रहे हैं सामने एइएस प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले में चिकेन पॉक्स व मम्स वायरस का भी रहा प्रकोप पटना : राज्य में संपूर्ण टीकाकरण अभियान का कवरेज 84 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इसके बावजूद राज्य के 16 जिलों में रह-रह कर खसरा (मिजिल्स) के मामले सामने आते रहते हैं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 19, 2019 6:36 AM
टीकाकरण के बाद भी मामले आ रहे हैं सामने
एइएस प्रभावित मुजफ्फरपुर जिले में चिकेन पॉक्स व मम्स वायरस का भी रहा प्रकोप
पटना : राज्य में संपूर्ण टीकाकरण अभियान का कवरेज 84 प्रतिशत तक पहुंच गया है. इसके बावजूद राज्य के 16 जिलों में रह-रह कर खसरा (मिजिल्स) के मामले सामने आते रहते हैं. अब तक इससे होने वाली बच्चों की मौत के आंकड़े संग्रहित नहीं किये गये हैं. यह बीमारी नौ माह से 15 साल के बच्चों में पायी जाती है. मिजिल्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में तीन करोड़ 77 लाख बच्चों को मिजिल्स और रूबेला का टीकाकरण कराया है. इधर, एइएस की गिरफ्त में आने वाले मुजफ्फरपुर जिले के बच्चे इसके पहले चिकेन पॉक्स और मम्स जैसे वायरस के चपेट में भी आ चुके हैं.
साल के शुरुआत होते ही पश्चिम चंपारण जिले में मिजिल्स के मामले सामने आये थे. इसके बाद जनवरी के पहले सप्ताह में मधुबनी, सुपौल और नवादा जिलों में मिजिल्स की रिपोर्ट सामने आयी. इसके बाद भी पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, सहरसा, पूर्णिया में इसके फैलने की रिपोर्ट दर्ज की गयी. सबसे अधिक मिजिल्स का अटैक पश्चिम चंपारण जिले में रहा. यहां चार बार मिजिल्स के मामले की रिपोर्ट दर्ज की गयी है.
इसके अलावा मिजिल्स से नवादा, कटिहार, शेखपुरा, जहानाबाद, पटना और शेखपुरा में भी मामले सामने आये. वहीं, इस साल चिकेन पॉक्स का सबसे अधिक मामले मुजफ्फरपुर जिले में सामने आये. अब मुजफ्फरपुर जिला एइएस की चपेट में है. चिकेन पॉक्स की रिपोर्ट कटिहार, मधुबनी, सीवान, जहानाबाद और गोपालगंज जिलों से भी दर्ज की गयी है. चिकेन पॉक्स को लेकर सरकारी स्तर पर टीकाकरण की व्यवस्था नहीं है.
मिजिल्स के लक्षण : नौ माह से 15 साल के बीच किसी भी बच्चे या किशोर के पूरे शरीर पर दाना-दाना निकलना इसका शुरुआती लक्षण है. साथ ही सर्दी के साथ निमोनिया या डायरिया के लक्षण भी दिखते हैं.
यह वायरस सबसे अधिक मौसम के बदलाव के बाद सक्रिय होता है. स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मिजिल्स व रूबेला के टीकाकरण अभियान के दौरान राज्य के करीब 93 प्रतिशत बच्चों को कवर किया जा चुका है. इसका कवरेज 95 प्रतिशत से अधिक होने पर इसके मामले आने की संभावना नहीं होगी.

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