मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सख्त निर्देश़, अनुमंडलों में एएसडीपीओ, थानों में दो एएसएचओ की होगी तैनाती

पटना : राज्य की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये. विधि-व्यवस्था को लेकर करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने हर हाल में अपराध नियंत्रण का आदेश दिया. उन्होंने चौकसी और अनुसंधान पर खास जोर देते […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 8, 2019 4:25 AM

पटना : राज्य की कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाये रखने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को पुलिस अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये. विधि-व्यवस्था को लेकर करीब तीन घंटे से अधिक समय तक चली समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने हर हाल में अपराध नियंत्रण का आदेश दिया. उन्होंने चौकसी और अनुसंधान पर खास जोर देते हुए सभी अनुमंडलों में एक-एक अतिरिक्त एसडीपीओ और थानों में एसएचओ के अधीन दो विशेष अफसर (एएसएचओ) तैनात करने का निर्देश दिया.

मुख्यमंत्री ने डीआइजी से आइजी स्तर के अफसरों को जिलों में पुलिस की गश्ती पर नजर रखने को कहा. मुख्यमंत्री ने पुलिस के आला अधिकारियों को फटकारते हुए कहा कि आपकी समीक्षा से अपराध पर कोई लगाम नहीं दिख रही. किसी भी हाल में अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने जिलों को चिह्नित कर दागी थानेदारों
की पोस्टिंग नहीं हो, यह सुनिश्चित करने को कहा. उन्होंने पटना में अपराध की आठ घटनाओं पर भी फटकार लगायी. समीक्षा बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमीर सुबहानी और डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय समेत सभी आला अफसर मौजूद थे. सीएम आवास में हुई समीक्षा बैठक में सीएम ने कहा कि पुलिस बेहतर कार्य कर रही है.
पुलिस सिस्टम को आइडियल बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, क्राइम कंट्रोल हुआ है, लेकिन इसके प्रति हमेशा सजग रहने की जरूरत है. बैठक के बाद गृह सचिव, डीजीपी और एडीजी (सीआइडी) ने पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में पुलिस की गश्ती अच्छी तरह से की जाने और आइजी से डीआइजी स्तर के पुलिस अधिकारियों को खुद इस पर निगाह रखने को कहा.
उन्होंने कहा कि हर जगह पुलिस की मौजूदगी नजर आनी चाहिए. डीआइजी हफ्ते में तीन-चार दिन, एसपी चार दिन और डीएसपी पांच दिन खुद चेक करें कि गश्ती ठीक से हो रही है कि नहीं. थाने की व्यवस्था बेहतर बनाये रखने के लिए तीन श्रेणियों में बांटकर नियमित कंटीजेंसी का पैसा देने को कहा है. बड़े और महत्वपूर्ण थाने को साल में 25 हजार, मध्यम थानों को 15 हजार और गांव के थानों को 10 हजार रुपये दिये जाने को कहा. यह पैसा खत्म होने पर रिवालविंग फंड बनाने की सलाह दी. मु
ख्यमंत्री ने कहा कि सभी थानों में थाना प्रबंधकों की नियुक्ति की जायेगी. भूमिहीन थानों को जमीन उपलब्ध करायी जाये. सीएम ने पुलिस मुख्यालय के कई प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी. पुलिस मैन्युअल भी नये सिरे से तैयार किया जायेगा. गृह सचिव आमिर सुबहानी व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने संयुक्त रूप से बताया कि कानून-व्यवस्था बनाये रखने और थानों में लंबित 1.40 लाख मामलों के निबटारे के लिए अनुमंडल स्तर पर एक अपर अनुमंडलीय पुलिस पदाधिकारी (एएसडीपीओ) की तैनाती होगी.
यह एसडीपीओ के अधीन रहकर केसों के सुपरविजन का काम देखेंगे. सभी थानों में दो-दो एएसएचओ (अपर थानेदार) प्रतिनियुक्त किये जायेंगे. एक विधि-व्यवस्था तो दूसरे अनुसंधान के प्रभारी होंगे. थानों से लेकर पुलिस मुख्यालय तक विधि व्यवस्था और अनुसंधान की अलग-अलग व्यवस्था के लिए प्रारूप तैयार हो रहा है. बल भी अलग-अलग होगा. यानी तीन साल तक विधि-व्यवस्था में कार्यरत पुलिसकर्मी का अनुसंधान और अनुसंधान में कार्यरत पुलिस कर्मी का विधि-व्यवस्था में ट्रांसफर नहीं होगा.
ये अफसर रहे मौजूद बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह आमिर सुबहानी, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, डीजी सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, एडीजी (आधुनिकीकरण) जितेंद्र कुमार, एडीजी (सीआइडी) विनय कुमार, एडीजी (स्पेशल ब्रांच) जितेंद्र गंगवार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, ओएसडी गोपाल सिंह, मुख्यमंत्री सचिवालय के विशेष सचिव चंद्रशेखर सिंह आदि मौजूद रहे.
हाल की आपराधिक घटनाओं पर आला पुलिस अधिकारियों को लगायी फटकार
जिलों में पुलिस गश्त पर आइजी-डीआइजी को नजर रखने का टास्क
पुलिस मैन्युअल में भी होगा बदलाव, थानाें में नियुक्त होंगे प्रबंधक
अपराध में पटना, मुजफ्फरपुर और वैशाली संवेदनशील जिले
डीजीपी ने बताया कि एडीजी (सीआइडी) विनय कुमार ने शोध कर रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें यह बात सामने आयी कि चार साल में लंबित केसों की संख्या तीन गुनी हुई है. बढ़ते अपराध के मामले में पटना- मुजफ्फरपुर जोन अधिक संवेदनशील पाये गये हैं. जहां अपराध अधिक हुए हैं, वैसे जोन, जिले, थाने चिह्नित किये गये हैं. ऐसे जिलों में पटना, वैशाली व मुजफ्फरपुर सबसे ऊपर हैं. थाने भी चिह्नित किये गये हैं. इन जगहों पर डीजी टीम विस्तृत रूप से जांच करेगी. अच्छा काम करने वालों को पुरस्कार मिलेगा और लापरवाहों को निलंबित किया जायेगा.
आइजी-डीआइजी 10 दिन अनुमंडल में करेंगे रात्रि विश्राम, हटाये जायेंगे 20 एसडीपीओ
सीएम की समीक्षा के बाद अपराध को कम करने के लिए कुछ नये प्रयोग होने जा रहे हैं. सभी आइजी – डीआइजी को 30 दिनों में कम-से-कम 10 दिन किसी-न-किसी अनुमंडल में रात्रि विश्राम करना होगा. अनुमंडल में विधि-व्यवस्था और अनुसंधान की क्या स्थिति है, इसकी विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी.
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लापरवाह पुलिस अफसरों को चिह्नित करना होगा. डीजीपी ने कहा कि सभी आइजी से असंतोषजनक काम करने वाले पांच-पांच एसडीपीओ की सूची मांगी गयी थी. राज्य में ऐसे 20 अफसर चिह्नित किये गये हैं. इन एसडीपीओ को फील्ड से हटाया जायेगा.
क्राइम रोकने को डीजी टीम तैयार करेगी प्लान पटना से शुरुआत
क्राइम रोकने के लिए से एडीजी-आइजी स्तर के पुलिस पदाधिकारी बारी-बारी से सभी अनुमंडलों का दौरा करेंगे. इसकी शुरुआत पटना से हो गयी है. डीजी टीम पटना को लेकर विशेष प्लान तैयार कर रही है. यहां गश्त करने वाले वाहनों में जीपीएस लगेगा. सीसीटीवी भी लगेंगे. पेट्रोलिंग का रूट चार्ट तक डीजी टीम तैयार करेगी.
गोपनीय सूचना के लिए दो दिनों में जारी होंगे दो नये नंबर
डीजीपी ने होली, चुनाव, ईद आदि को मानक बताते हुए कहा कि राज्य की कानून- व्यवस्था कंट्रोल में है. चार माह में पांच बड़ी मुठभेड़ों में कुख्यात अपराधियों का सफाया हुआ है. कोई भी व्यक्ति अपराध या अपराधियों से जुड़ी गोपनीय जानकारी दे सकेगा. इसके लिए पुलिस मुख्यालय दो दिनों में एक मोबाइल व एक बेसिक टेलीफोन का नंबर जारी करेगा. पहचान गुप्त रहेगी.

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