दो बार माउंट एवरेस्ट फतह करनेवाले देश के पहले IAS बने बिहार निवासी रवींद्र

पटना : बिहार के लाल और उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस रवींद्र कुमार देश के पहले आईएएस हो गये हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर दूसरी बार फतह हासिल की है. आईएएस रवींद्र कुमार बिहार के बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर प्रखंड के बसही गांव निवासी शिवनंदन प्रसाद सिंह के पुत्र हैं. इससे पहले उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 25, 2019 11:06 AM

पटना : बिहार के लाल और उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस रवींद्र कुमार देश के पहले आईएएस हो गये हैं, जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर दूसरी बार फतह हासिल की है. आईएएस रवींद्र कुमार बिहार के बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर प्रखंड के बसही गांव निवासी शिवनंदन प्रसाद सिंह के पुत्र हैं. इससे पहले उन्होंने वर्ष 2011 में आईएएस बनने के दो साल बाद वर्ष 2013 में माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल की थी. माउंट एवरेस्ट पर फतह हासिल करने की सूचना ट्वीट कर उन्होंने दी है.

बेगूसराय के छोटे से गांव से निकले रवींद्र कुमार

रवींद्र कुमार का जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के चेरियाबरियारपुर प्रखंड के बसही गांव में हुआ था. प्रारंभिक शिक्षा बेगूसराय में हुई. उसके बाद झारखंड की राजधानी रांची के जवाहर विद्या मंदिर सहित कई विद्यालयों में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की. प्लस टू की शिक्षा पूरी करने के बाद वर्ष 1999 में आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास की. हालांकि, उन्होंने शिपिंग में कैरियर चुनते हुए मुंबई स्थित ट्रेनिंग शिप चाणक्य से जुड़ गये और वर्ष 2002 में नॉटिकल साइंस में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की. इसके बाद पेंटागन मरीन सर्विस कंपनी में कार्य करते हुए प्रबंधकीय रैंक के अधिकारी के रूप में प्रोन्नत हुए. वर्ष 2009 में नौकरी छोड़ कर दिल्ली आ गये. बाद में वर्ष 2011 में उन्होंने आईएएस चुन लिये गये.

मिल चुके हैं कई अवॉर्ड

रवींद्र कुमार को वर्ष 2013 में एलवी रेड्डी अवॉर्ड, 2014 में विशेष खेल सम्मान व सिक्किम खेल रत्न अवॉर्ड, वर्ष 2016 में काष्ती रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

माउंट एवरेस्ट के रोमांच पर लिखी है पुस्तक

रवींद्र कुमार ने माउंट एवरेस्ट की अपनी यात्रा के रोमांच को पुस्तक का रूप प्रदान करते हुए ‘मेनी एवरेस्ट’ नामक पुस्तक लिखी. पुस्तक में सपनों के हकीकत में बदलने की प्रेरणादायक यात्रा का जिक्र करने के साथ-साथ यात्रा की जानकारी और परेशानी का भी जिक्र किया है. पुस्तक का विमोचन वर्ष 2016 में नयी दिल्ली में आयोजित एक समारोह में किया गया था.

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