दानापुर, बिक्रम, फुलवारी का फिर रामकृपाल पर भरोसा

पटना : पाटलिपुत्र लोकसभा में भाजपा और राजद की प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर रही. भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव और राजद प्रत्याशी मीसा भारती ने लोकसभा क्षेत्र की छह में से तीन-तीन विधानसभाओं में बढ़ती बनायी. हालांकि अंतिम परिणाम रामकृपाल के पक्ष में रहा. मीसा पालीगंज, मसौढ़ी और मनेर विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहीं. […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 24, 2019 6:27 AM

पटना : पाटलिपुत्र लोकसभा में भाजपा और राजद की प्रत्याशी के बीच कांटे की टक्कर रही. भाजपा प्रत्याशी रामकृपाल यादव और राजद प्रत्याशी मीसा भारती ने लोकसभा क्षेत्र की छह में से तीन-तीन विधानसभाओं में बढ़ती बनायी. हालांकि अंतिम परिणाम रामकृपाल के पक्ष में रहा. मीसा पालीगंज, मसौढ़ी और मनेर विधानसभा क्षेत्रों में आगे रहीं. विक्रम, फुलवारी और दानापुर विधानसभा के वोटरों ने पुन: रामकृपाल पर विश्वास जताते हुए बढ़त दिलायी.

पालीगंज में दोनों प्रत्याशियों में सबसे नजदीकी मुकाबला हुआ. दानापुर विस क्षेत्र में सबसे ज्यादा अंतर दिखाई दिया. रामकृपाल की बढ़त वाली तीनों विधानसभाओं में दस हजार से अधिक की बढ़त रही. मीसा भारती की बढ़त दस हजार से कम की ही रही. इसी ने जीत-हार का अंतर पैदा किया. पाटलिपुत्र लोस क्षेत्र के 25 में से 23 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी.
विधानसभा रामकृपाल मीसा अंतर
दानापुर 97514 68850 28664
मनेर 81625 89554 7929
फुलवारी 99260 84214 15046
मसौढ़ी 77996 87636 9640
पालीगंज 63516 66586 3070
बिक्रम 86646 72033 14613
1993 में पहली बार पहुंचे थे संसद
62 वर्षीय रामकृपाल यादव पटना रेलवे स्टेशन के समीप गोरियाटोली के मूल निवासी हैं. 1974 में माध्यमिक एवं 1976 में 12वीं के बाद इतिहास से बीए ऑनर्स किया. इनकी पत्नी किरण देवी, दो पुत्र अभिषेक व अभिमन्यु और एक पुत्री आरती हैं. युवा अवस्था से ही छात्र आंदोलनों में सक्रिय रहे रामकृपाल ने 1977 में राजनीतिक जीवन की शुरुआत की. 1977 में छात्र संघ के अध्यक्ष व विवि के सिनेटर चुने गये. पटना नगर निगम के वार्ड संख्या दस से पार्षद चुने जाने के बाद पटना के उप-महापौर बने. 1992 में बिहार विधान परिषद के सदस्य बने.
1993 का उपचुनाव जीत कर पहली बार पटना से जीत कर लोकसभा में एंट्री हुई. 1996-97 और 2004-09 में बतौर राजद सदस्य लोकसभा के लिए चुने गये. 2009 के लोकसभा चुनाव में बेटिकट किये जाने के बाद 2010 में राज्यसभा के लिए भेजा गया. वर्ष 2014 में राजद से बागी होकर भाजपा के टिकट पर लड़े, जीते और केंद्र में मंत्री बने.

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