पटना : पाटलिपुत्र में फिर सीधी लड़ाई, जानें

सुमित कुमार पिछले लोकसभा चुनाव में तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों से रामकृपाल यादव व मीसा भारती को मिली थी बढ़त पटना : लालू परिवार और भाजपा के लिए नाक की लड़ाई बनी पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का चुनाव इस बार दिलचस्प होगा. वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद गठित इस निर्वाचन क्षेत्र में हमेशा दो उम्मीदवारों […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 25, 2019 9:04 AM
सुमित कुमार
पिछले लोकसभा चुनाव में तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों से रामकृपाल यादव व मीसा भारती को मिली थी बढ़त
पटना : लालू परिवार और भाजपा के लिए नाक की लड़ाई बनी पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र का चुनाव इस बार दिलचस्प होगा. वर्ष 2008 में हुए परिसीमन के बाद गठित इस निर्वाचन क्षेत्र में हमेशा दो उम्मीदवारों के बीच सीधी लड़ाई रही है.
वर्ष 2009 के चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद जहां नजदीकी मुकाबले में जदयू के डॉ रंजन प्रसाद यादव से महज 13 हजार वोट से हारे. वहीं, वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा के रामकृपाल यादव ने लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती को कड़े मुकाबले में करीब 40 हजार वोटों के अंतर से मात दी. वर्ष 2019 चुनाव की बिसात भी बिछ गयी है. इस बार भी पुराने दोनों महारथी रामकृपाल यादव व मीसा भारती मैदान में उतरने वाले हैं. सीधी लड़ाई के बीच जातीय वोटों का अंकगणित ही उनकी जीत-हार तय करेगा.
आधार वोट के भरोसे रामकृपाल, मीसा को एमवाइ पर आस : छह विधानसभा क्षेत्रों में बंटे पाटलिपुत्र संसदीय क्षेत्र में जातीय समीकरण के हिसाब से दानापुर यादव बहुल, जबकि फुलवारी मुस्लिम और कुर्मी बहुल क्षेत्र बताये जाते हैं.
विक्रम विधानसभा में भूमिहार और मसौढ़ी में कुर्मी और यादव की बहुलता है. पालीगंज में कुशवाहा और यादव जबकि मनेर में यादव-मुस्लिम की बहुलता कही जाती है. ऐसे में रामकृपाल दोबारा अपने आधार वोट के भरोसे मैदान में उतरेंगे, जबकि मीसा को एम-वाइ (मुस्लिम-यादव) समीकरण पर आस है.
बिक्रम, दानापुर, फुलवारी से पिछड़ता रहा है राजद : वोटों के अंकगणित को देखें तो पिछले दो चुनावों में राजद तीन विधानसभा क्षेत्रों बिक्रम, दानापुर और फुलवारी में पिछड़ता रहा है, जबकि मनेर और मसौढ़ी में उसे बढ़त मिलती रही है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में रामकृपाल यादव ने बिक्रम विधानसभा क्षेत्र से करीब 20 हजार, दानापुर से करीब 24 हजार और फुलवारी से करीब 16 हजार वोटों की बढ़त ली थी.
वहीं, मीसा भारती को मसौढ़ी में करीब 12 हजार, मनेर में सात हजार और पालीगंज में मात्र डेढ़ हजार वोटों की बढ़त मिली थी. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद को सिर्फ मसौढ़ी और मनेर में ही बढ़त मिली. दोनों लोकसभा चुनावों में विजेता व फर्स्ट रनर अप को छोड़ कर शेष तमाम उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गयी. पिछले चुनाव में कल 4678 वोट नोटा को पड़े.
उम्मीदवारों को मिले वोट
विधानसभा क्षेत्र रामकृपाल मीसा रंजन प्रसाद
दानापुर 78737 54973 11418
मनेर 63293 70268 11565
फुलवारी 69021 52921 26538
मसौढ़ी 52734 64864 23268
पालीगंज 45773 47058 14229
बिक्रम 72674 52394 9988
कुल 383262 342940 97228
इस बार जदयू भाजपा तो माले राजद के साथ
पिछले लोकसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार के तौर पर तत्कालीन निवर्तमान सांसद डॉ रंजन प्रसाद यादव ने करीब 97 हजार से अधिक वोट लाये.
वहीं, सीपीआइ माले उम्मीदवार रामेश्वर प्रसाद साढ़े 51 हजार वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे. इस बार एनडीए गठबंधन के तौर पर जदयू का समर्थन भाजपा को है, जबकि माले उम्मीदवार गठबंधन के तहत राजद को समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में यह लड़ाई बिलकुल सीधी और दिलचस्प हो जा रही है. जीत हासिल करने के दोनों पार्टियां स्थानीय क्षत्रपों को दल-बदल करने का खेल भी खेल रही हैं.

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