पटना : गरीबों से पैसे ठग रहीं चिटफंड कंपनियां इओयू के रडार पर, कसेगा शिकंजा

शिकायतों के बाद चौकन्ना हुआ आर्थिक अपराध यूनिट पटना : रजिस्ट्रार आॅफ कंपनी के यहां पंजीकरण कराकर बैैंकिंग की तरह काम कर लोगों से ठगने करने वाली कई संस्थाएं इओयू के रडार पर हैं. साक्ष्य मिले हैं कि ये चिटफंड स्मॉल फाइनेंस बैंक की तरह काम कर रही हैं. इनके कार्यालय वहां हैं, जहां आबादी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2019 8:04 AM
शिकायतों के बाद चौकन्ना हुआ आर्थिक अपराध यूनिट
पटना : रजिस्ट्रार आॅफ कंपनी के यहां पंजीकरण कराकर बैैंकिंग की तरह काम कर लोगों से ठगने करने वाली कई संस्थाएं इओयू के रडार पर हैं.
साक्ष्य मिले हैं कि ये चिटफंड स्मॉल फाइनेंस बैंक की तरह काम कर रही हैं. इनके कार्यालय वहां हैं, जहां आबादी कम शिक्षित है. अधिकतर लोग मजदूरी अथवा छोटे-मोटे काम कर रहे हैं.
सूत्रों ने बताया कि इओयू ने एक दर्जन से अधिक कंपनी व संस्थाएं चिह्नित की हैं, जो एजेंट के जरिये प्रतिदिन दस से 50 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से लोगों से पैसे जमा कर रहे हैं. बाद में इनको ब्याज पर उठा रहे हैं.
उन पर लोगों का भरोसा बना रहे इसके लिए वह स्थानीय शिक्षित बेरोजगार युवकों को अपने यहां कमीशन एजेंट की नौकरी दे रहे हैं. सेटअप इस तरह का बना रखा है कि लोग झांसे में आसानी से आ जा रहे हैं. इनपुट के आधार पर इआेयू ने आरबीआइ से कुछ जानकारी मांगी है. ठगी का एक मामला 2017 में सबौर थाने में दर्ज हुआ था.
ग्राहकों का सारा पैसा एमआइएस के नाम पर कंपनी ने लगभग चार लाख रुपये जमा करवाया था. योजना पूरी होने से पहले ही कंपनी भाग गई थी.
हीं, समस्तीपुर की नन फाइनेंशियल बैंकिंग कंपनी (एनएफबीसी) होने के बाद भी अनिलम बैंक के नाम से ब्रांच खोलने की तैयारी कर चुके अनिलम निधि लिमिटेड के मामले में कंपनी का वित्तीय प्रबंधन देखने वालों से भी पूछताछ करने की तैयारी कर चुकी है. इओयू ने इस मामले में 14 फरवरी को निदेशकगण अचल हर्ष, धीरज कुमार वर्मा और नीलम कुमारी के खिलाफ केस दर्ज किया था.
अनिलम निधि मामले में जांच चल रही है. कई अहम सुराग हमारे हाथ लगे हैं. जल्दी ही पूरे मामले का राजफाश कर दिया जायेगा. इसके अलावा और भी कई कंपनियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं.
सुशील कुमार, एसपी, इओयू

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