पटना : जातीय जनगणना के लिए वीपी सिंह को लिखा था पत्र : नीतीश कुमार

पटना : विधान परिषद में सोमवार को जातीय आधारित जनगणना कराने की सिफारिश संबंधी संकल्प पेश किये जाने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 1990 में जब वे वीपी सिंह सरकार में कृषि राज्यमंत्री थे, तो इससे संबंधित एक पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखा था. पत्र में उन्होंने देश में जातीय आधारित जनगणना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 19, 2019 6:46 AM
पटना : विधान परिषद में सोमवार को जातीय आधारित जनगणना कराने की सिफारिश संबंधी संकल्प पेश किये जाने के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि 1990 में जब वे वीपी सिंह सरकार में कृषि राज्यमंत्री थे, तो इससे संबंधित एक पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखा था. पत्र में उन्होंने देश में जातीय आधारित जनगणना कराने का अनुरोध किया था.
देश में 1931 के बाद जातीय आधारित जनगणना नहीं हुई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 1990 में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने उनसे जातीय आधारित जनगणना के संबंध में चर्चा की थी. उन्होंने फिर इसकी चर्चा मधु लिमये और तत्कालीन वित्त मंत्री मधु दंडवते से की. उनलोगों ने भी इस पर अपनी सहमति जतायी.
इसके बाद इस आशय का पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री को लिखा, लेकिन उस समय तक जनगणना शुरू हो गयी थी. इसलिए जाति आधारित गिनती संभव नहीं हो सकी. बाद में यूपीए सरकार ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखायी. चर्चा में भाग लेते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2011 की एसइसीसी डाटा के अनुसार देश में 46 लाख जातियां हो गयी हैं, जो व्यावहारिक व सही नहीं दिखती.
उन्होंने कहा कि बिहार संभवत: सर्वसम्मति से संकल्प पारित कर केंद्र को भेजने वाला पहला राज्य होगा. इसके पहले संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने सदन में जब इस आशय का संकल्प पढ़ा तो राजद के डॉ रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि राजद नेता लालू प्रसाद ने इसको लेकर 12 जुलाई, 2015 में राजभवन मार्च किया था. उसी का यह परिणाम है.
बैठकर बोलेंगे तभी प्रोेसिडिंग में आयेगा
विधान परिषद में विपक्ष के द्वारा वेल में आकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने पर कार्यकारी सभापति मो हारुण रशीद ने विपक्ष की नेता राबड़ी देवी से कहा कि मैडम बैठा दीजिए. बैठकर बोलेंगे तभी प्रोसिडिंग में आयेगा.
वेल में खड़े होकर सुबोध कुमार, दिलीप राय व राधाचरण साह मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले को लेकर सरकार के खिलाफ बोल रहे थे. विपक्ष द्वारा आरोप लगाये जाने पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इसका विरोध किया.
संसदीय कार्यमंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. अगर कोई जानकारी हो तो सीबीआइ को कागज सुपुर्द करें. दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि आरोप को लेकर ही कंट्राडिक्सन आ गया है. परिषद में इस पर बहस नहीं होनी चाहिए. रणवीरनंदन ने कहा कि मामले को उठा कर सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की जा रही है. नीरज कुमार ने कहा कि चरित्र हनन की राजनीति बंद होनी चाहिए.
आश्वासन समिति बकाया मानदेय का मामला देखेगी
विधान परिषद की आश्वासन समिति त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों का बकाया मानदेय व भत्ता का मामला देखेगी. विधान परिषद के कार्यकारी सभापति मो हारुण रशीद ने सुमन कुमार के तारांकित सवाल पर पंचायती राज मंत्री कपिलदेव कामत के जवाब के दौरान यह निर्देश दिया. मानदेय व भत्ता के मामले में त्रिस्तरीय पंचायत से जुड़े विधान पार्षदों ने कहा कि बार-बार केवल आश्वासन दिया जाता है.
पंचायती राज मंत्री ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को 15 दिनों में मानदेय व भत्ता का भुगतान होगा. प्रो रणवी रनंदन ने कहा कि यह गंभीर विषय है. वित्त विभाग में कई संचिकाएं बहुत दिनों तक लटकी रहती हैं. राधाचरण साह के सवाल पर मंत्री ने कहा कि पंचायतों में बनने वाले पंचायत सरकार भवन में आरटीपीएस काउंटर खुलेंगे. इसके लिए 4571 कार्यपालक सहायकों का संविदा पर नियोजन हुआ है.

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