केंद्रीय बलों की तर्ज पर बिहार में होगी महिला पुलिस की बहाली, टेस्‍ट में महिलाओं को दिखाना होगा दमखम

पटना : केंद्रीय बलों की तर्ज पर अब राज्य में शारीरिक रूप से मजबूत युवतियां ही सिपाही बन सकेेंगी. बिहार पुलिस में सिपाही के पदों पर महिला-पुरुष अनुपात में संतुलन बनाये रखने को बहाली नियमों को बदला जा रहा है. यह बदलाव केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही बहाली) और एक्सपर्ट की राय पर किये जा रहे […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 9, 2019 5:34 AM

पटना : केंद्रीय बलों की तर्ज पर अब राज्य में शारीरिक रूप से मजबूत युवतियां ही सिपाही बन सकेेंगी. बिहार पुलिस में सिपाही के पदों पर महिला-पुरुष अनुपात में संतुलन बनाये रखने को बहाली नियमों को बदला जा रहा है. यह बदलाव केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही बहाली) और एक्सपर्ट की राय पर किये जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय इस पर तेजी से काम कर रहा है. अंतिम निर्णय सरकार को लेना है.

शारीरिक जांच परीक्षा में दिखाना होगा पूरा दमखम : केंद्रीय बटालियनों की तर्ज पर अब महिला अभ्यर्थियों को दौड़ में भी पूरा दमखम दिखाना होगा. विशेषज्ञों ने सिफारिश की है कि महिलाओं की दौड़ का एक मिनट कम कर पांच मिनट दिये जाएं. इससे उनका भी औसत करीब पुरुषों के समान हो जायेगा.
इससे पुलिस बल व महिला सशक्तीकरण में संतुलन बना रहेगा. मौजूदा स्थिति में सौ अंक की शारीरिक परीक्षा में 50 अंक दौड़, हाइ जंप व शाॅर्ट पुट के 25-25 अंक होते हैं. पुरुषों को छह मिनट में 1.6 किमी तो महिलाओं को एक किमी दौड़ना होता है. अध्ययन में पाया गया है कि इस मानक पर पुरुष 30 से 40 फीसदी, वहीं महिलाएं 90 फीसदी पास हो रही हैं.
2017 में 9843 में 6700 महिला सिपाही हुईं बहाल
2017 में सिपाही के 9843 पदों पर बहाली हुई थी. इसमें महिलाओं के लिए 35 फीसदी आरक्षण था. पुरुषों के मुकाबले भर्ती नियम भी शिथिल थे. इस बहाली में 6700 पदों पर महिलाओं का चयन हो गया. 35 फीसदी आरक्षण लागू होने के बाद हुई पहली बहाली में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का दोगुनी संख्या में चयन ने सभी को चौंका दिया.
बदलाव की खास बातें
बहाली और सेवानिवृत्ति में अनुपात बनाये रखने को नियमित बहाली की जाये.
बड़ी संख्या में एक साथ बहाली पर रोक लगे, इससे कैडर मैनेजमेंट में दिक्कत होती है.
संवेदनशील पुलिस के लिए शारीरिक दक्षता के साथ मानसिक दक्षता को भी परखी जाये.
11865 पदों की बहाली रद्द कर दी गयी थी
नौ नवंबर, 2018 को तत्कालीन डीजीपी केएस द्विवेदी के आदेश पर सिपाही के 11865 पदों पर चल रही बहाली को रद्द कर दिया गया था. भर्ती रद्द करने को जारी अधिसूचना में कोई कारण नहीं बताया गया था.

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