पटना : इमरजेंसी में राउंड तक नहीं लगाते सीनियर डॉक्टर

पटना : पीएमसीएच का ओपीडी भगवान भरोसे चल रहा है. ओपीडी में अधिकतर विभाग के सीनियर डॉक्टर चैंबर से तो गायब रहते ही हैं, शाम को अपने वार्ड में राउंड भी नहीं लगाने आते हैं. ऐसे में अगर किसी मरीज की हालत बिगड़ जाये, तो जूनियर डॉक्टर का सहारा लेना पड़ेगा. अस्पताल के सभी वार्ड […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 14, 2019 8:56 AM
पटना : पीएमसीएच का ओपीडी भगवान भरोसे चल रहा है. ओपीडी में अधिकतर विभाग के सीनियर डॉक्टर चैंबर से तो गायब रहते ही हैं, शाम को अपने वार्ड में राउंड भी नहीं लगाने आते हैं. ऐसे में अगर किसी मरीज की हालत बिगड़ जाये, तो जूनियर डॉक्टर का सहारा लेना पड़ेगा.
अस्पताल के सभी वार्ड में भर्ती मरीज बताते हैं कि सीनियर डॉक्टर सिर्फ सुबह में एक बार आते हैं. रविवार को प्रभात खबर की टीम ने पीएमसीएच के कुछ प्रमुख विभागों में तैनात सीनियर डॉक्टरों का अस्पताल के वार्ड से लेकर उनके प्राइवेट क्लिनिक तक जायजा लिया तो सच्चाई सामने आयी.
क्या आपके कफन में जेब है डॉक्टर साहब!
इमरजेंसी वार्ड में नहीं दिखे सीनियर डॉक्टर
इमरजेंसी वार्ड में जूनियर के साथ सीनियर डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगी थी. इमरजेंसी वार्ड के 105 व 102 नंबर में संचालित हड्डी विभाग में एक जूनियर डॉक्टर मरीज का इलाज कर रहे थे. जबकि, वहां सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर की भी ड्यूटी लगायी गयी थी. दोनों ही रूम में सीनियर डॉक्टर नहीं दिखे. इतना ही नहीं इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों से जब बातचीत की गयी, तो उन्होंने बताया कि सीनियर डॉक्टर शाम को राउंड लगाने नहीं आते. कुछ ही ऐसे सीनियर डॉक्टर हैं, जो एक बार आते, बाकी नहीं आते.
मेरे पति लाल बहादुर सिंह का शनिवार की रात ऑपरेशन के बाद इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर 33 पर भर्ती कर दिया गया. पूरी रात व अगले दिन भी सिर्फ जूनियर डॉक्टर ही देखने पहुंचे.
गंगा देवी, मरीज की पत्नी
मेरा भतीजा कमलेश बेतिया जिले में अपने घर की छत से गिर गया. उसको गंभीर चोट आयी. इमरजेंसी वार्ड के बेड नंबर 17 पर भर्ती किया गया है. सिर्फ जूनियर डॉक्टर ही राउंड लगाने आये.
—रमेश कुमार, मरीज का चाचा
निजी क्लिनिक में अधिक दिखते हैं डॉक्टर
पीएमसीएच के हड्डी रोग, शिशु रोग, नेत्र रोग, बर्न वार्ड, गैस्ट्रो और मेडिसिन विभाग आदि वार्डों के कुछ सीनियर डॉक्टरों की ड्यूटी इमरजेंसी वार्ड में लगी थी.
बर्न, हड्डी के मरीजों को परेशानियों का सामना करते हुए देखा गया. शिशु रोग के सीनियर डॉक्टर की गाड़ी कंकड़बाग, हड्डी विभाग के सीनियर डॉक्टर की गाड़ी राजेंद्र नगर पुल तो शिशु रोग के डॉक्टर की गाड़ी डॉक्टर कॉलोनी के पास निजी क्लिनिक में देखी गयी.

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