पटना : कचरा बीनने और कबाड़ बेचने वालों का बनेगा डेटाबेस

पटना : नगर निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर तैयार की जा रही नियमावली में कचरा बीनने व कबाड़ का कारोबार करने वालों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. गैर-जैविक कचरों के निबटान में इनका सहयोग लिया जायेगा. ठोस कचरा प्रबंधन नियमावली के अस्तित्व में आने पर सभी नगर निकाय अपने क्षेत्र में कबाड़ कारोबारियों का […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 18, 2018 8:54 AM
पटना : नगर निकायों में ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर तैयार की जा रही नियमावली में कचरा बीनने व कबाड़ का कारोबार करने वालों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. गैर-जैविक कचरों के निबटान में इनका सहयोग लिया जायेगा. ठोस कचरा प्रबंधन नियमावली के अस्तित्व में आने पर सभी नगर निकाय अपने क्षेत्र में कबाड़ कारोबारियों का सर्वे कर उनको चिह्नित कर उनका डेटाबेस तैयार करेंगे. इनको पहचान पत्र भी दिया जायेगा.
डंपिंग यार्ड पर दिया जायेगा कचरा चुनने का मौका : नगर विकास विभाग के आकलन के मुताबिक शहरों से निकलने वाले गैर जैविक कचरे की रिसाइक्लिंग में काफी मुश्किल होती है. जबकि, कचरा बीनने व कबाड़ का कारोबार करने वाले ऐसे ही कचरे को बेच कर मुनाफा कमाते हैं.
निजी रिसाइक्लिंग यूनिट इस तरह के कचरे को पुन: उपयोग लायक बना कर बाजार में उतारते हैं. शहरी निकाय चिह्नित कचरा बीनने वालों को घर से लेकर लैंड फिल साइट तक कचरा चुनने का अधिकार दिया जायेगा. खास कर वैसे जगहों पर जहां से अधिक मात्रा में जैविक कचरा निकलता है, इससे सीधे कचरा लेने का अधिकार उनको दिया जायेगा. इस तरह से ठोस कचरा, प्लास्टिक कचरा व ई-कचरा के भंडारण व निबटान में सोशल बिजनेस मॉडल भी विकसित होगा.
स्वच्छाग्रही के तौर पर किया जायेगा तैयार
शहरी निकाय इन कचरा बीनने वालों को स्वच्छाग्रही के तौर पर तैयार करेंगे. इनको डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन व दूसरे सफाई गतिविधियों से भी जोड़ा जायेगा, ताकि उनको अतिरिक्त आय हो सके.
कचरा कलेक्शन के दौरान इनके स्वास्थ्य व सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उचित कपड़े, उपकरण व स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करायी जायेंगी. इनके लिए समय समय पर क्षमतावर्द्धन कार्यशालाओं का आयोजन भी होगा, जिसमें उनकी भूमिका व जिम्मेदारी को लेकर चर्चा होगी.

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