बौद्ध सर्किट परियोजना 2020 तक पूरी होगी, सर्किट से जुड़ेंगे बिहार ये स्थल

नागपुर/पटना : केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने बुधवार को कहा कि देश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी सभी जगहों को जोड़ने से संबंधित परियोजना ‘बौद्ध सर्किट’ का काम 2020 तक पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना में करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 17, 2018 4:42 PM

नागपुर/पटना : केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने बुधवार को कहा कि देश में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़ी सभी जगहों को जोड़ने से संबंधित परियोजना ‘बौद्ध सर्किट’ का काम 2020 तक पूरा हो जायेगा. उन्होंने कहा कि इस परियोजना में करीब 10,000 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि गौतम बुद्ध में आस्था रखने वाले लोग बड़ी संख्या में पूरी दुनिया से भारत आते हैं. लेकिन अच्छी सड़कों के अभाव में वह बौद्ध तीर्थ स्थलों की यात्रा नहीं कर पाते हैं.

गड़करी ने कहा कि उनका मंत्रालय उत्तर प्रदेश और बिहार में स्थित विभिन्न स्थानों को आपस में जोड़ने के लिए सड़कें विकसित कर रहा. इस प्रयास के तहत वैशाली, पटना, बोध गया, राजगीर, नालंदा, कहलगांव और विक्रमशिला को आपस में जोड़ा जायेगा. उन्होंने कहा बौद्ध सर्किट का काम 2020 तक 10,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा कर लिया जायेगा. मंत्री के अनुसार, बिहार बौद्ध सर्किट में बोध गया, नालंदा, राजगीर, वैशाली, कहलगांव और पटना शामिल हैं. वहीं, धर्मयात्रा सर्किट में बोध गया (बिहार), सारनाथ (उत्तर प्रदेश), कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) और पिपरहवा (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं. विस्तृत धर्मयात्रा में बोध गया (बिहार), विक्रमशिला (बिहार), सारनाथ (उत्तर प्रदेश), कुशीनगर (उत्तर प्रदेश), कपिलवस्तु (उत्तर प्रदेश), संकिसा (उत्तर प्रदेश) और पिपरहवा (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं.

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