पटना : नेऊरा-दनियावां व बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड, 16 वर्षों में काम भी नहीं हो सका शुरू

प्रभात रंजन पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि महज 15 एकड़ के फेर में 549 एकड़ भूमि का अधिग्रहण बेमानी साबित हो रहा है. इसके कारण 16 वर्षों में 42 किमी लंबी नेऊरा-दनियावां और बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड प्रोजेक्ट का काम भी शुरू नहीं हो सका है. जबकि यह बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना मानी जा रही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 16, 2018 6:04 AM

प्रभात रंजन

पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि महज 15 एकड़ के फेर में 549 एकड़ भूमि का अधिग्रहण बेमानी साबित हो रहा है. इसके कारण 16 वर्षों में 42 किमी लंबी नेऊरा-दनियावां और बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड प्रोजेक्ट का काम भी शुरू नहीं हो सका है.

जबकि यह बेहद महत्वाकांक्षी परियोजना मानी जा रही थी. इसके पूरा होने पर पटना-झाझा-हावड़ा रेलखंड में ट्रेन परिचालन में अपेक्षित सुधार हो सकता था. ट्रेनों की लेटलतीफी रुक जाती. इस प्राेजेक्ट का काम शुरू करने के लिए बाकायदा टेंडर भी निकला था. लेकिन टेंडर में शामिल एजेंसियों की शर्त के अनुसार शत-प्रतिशत भूमि अधिग्रहण नहीं होने से अब तक इसका काम शुरू नहीं हो सका है.

जानकारी के मुताबिक पटना-झाझा-हावड़ा रेलखंड पर रोजाना डेढ़ सौ जोड़ी ट्रेनों की आवाजाही है. इस रेलखंड पर ट्रेनों का लोड कम करने को लेकर वर्ष 2002-03 में नेऊरा-दनियावां और बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड बनाने को मंजूरी दी गयी. इस प्रोजेक्ट के जरिये पटना-झाझा रेलखंड पर निर्धारित समय से ट्रेनों की परिचालन भी सुनिश्चित किया जाना था.

वहीं, आपात स्थिति के दौरान हावड़ा, कमाख्या, पुरी, डिब्रूगढ़ और अलीपुरद्वार जाने वाली ट्रेनों को नेऊरा-दनियावां के रास्ते चलाने की योजना थी. इसको लेकर 47 गांवों के 564 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण किया जाना है. इसमें 46 गांवों के 549 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण हो चुका है.

43 गांवों के जमीन मालिकों ने अधिगृहीत भूखंड के कागजात मुहैया करा दिये हैं. जबकि तीन गांवों के जमीन मालिकों की सहमति के कागज लेने की प्रक्रिया अब भी चल रही है. जानकारी के मुताबिक पटना जिले के चमुचक गांव के 15.175 एकड़ भूखंड का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है, जिसकी लंबाई करीब 1.363 किमी है. इस भूखंड का अधिग्रहण नहीं होने से परियोजना अब तक लटकी हुई है.

2002-03 में मिली थी मंजूरी

42.2 किमी लंबाई है नेऊरा-दनियावां व बरबीघा-शेखपुरा रेलखंड की

47 गांवों की 564 एकड़ जमीन की है जरूरत

120.23 करोड़ रुपये का हुआ है आवंटन भूमि अधिग्रहण के लिए

549 एकड़ भूखंड किया गया अधिग्रहण अब तक

15 एकड़ जमीन का अधिग्रहण अभी और करना बाकी

सिर्फ एक गांव पटना के चमुचक में अधिग्रहण का फंसा है मामला

टेंडर निकला, पर नहीं चयनित की जा सकी एजेंसी

रेलवे बोर्ड ने पूर्व मध्य रेल को भूमि अधिग्रहण के लिए 120.23 करोड़ रुपये का आवंटन किया. रेलवे ने पटना जिला प्रशासन के सहयोग से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी थी.

साथ ही रेलखंड के निर्माण को लेकर रेलवे ने वर्ष 2016 में टेंडर भी निकाला, लेकिन टेंडर में शामिल एजेंसियों ने शत-प्रतिशत भूखंड उपलब्ध कराने की शर्त रखी तो रेलवे भूखंड उपलब्ध नहीं करा सकी. हैरत की बात है कि इसके बाद से अधिग्रहण के लिए दोबारा प्रयास नहीं किये गये.

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