पटना : जानें क्यों प्रदेश में बालू खनन एक जुलाई से तीन महीने के लिए होगा बंद, कालाबाजारी और अवैध खनन पर रहेगी नजर
पटना : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बाद हर साल की तरह इस साल भी प्रदेश की नदियों से बालू खनन एक जुलाई से तीन महीने के लिए बंद हो जायेगा. आम लोगों को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों को बालू भंडारण कर एक जुलाई […]
पटना : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बाद हर साल की तरह इस साल भी प्रदेश की नदियों से बालू खनन एक जुलाई से तीन महीने के लिए बंद हो जायेगा. आम लोगों को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों को बालू भंडारण कर एक जुलाई तक इसकी जानकारी मांगी है.
इस जानकारी के आधार पर विभाग के अधिकारी स्थल निरीक्षण कर बालू की भंडारित मात्रा का आकलन करेंगे. जानकारी नहीं देने वालों को ई-चालान निर्गत नहीं किया जायेगा. इससे बंदोबस्तधारी बालू नहीं बेच सकेंगे.
खान एवं भूतत्व विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि बंदोबस्तधारियों को दी गयी निविदा की शर्तों के अनुसार बालू का भंडारण नदी तट से 300 फीट तक की दूरी तक किया जा सकता है. इसके लिए किसी अनुज्ञप्ति की आवश्यकता नहीं है. विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों से 30 जून तक निश्चित रूप से बालू का भंडारण करने का निर्देश दिया है.
बालू की कालाबाजारी और अवैध खनन पर रहेगी नजर
खान एवं भूतत्व विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ संचालित बालू घाटों में शिया की विभिन्न शर्तों के साथ बालू का खनन और उनकी बिक्री की जाती है. बालू का इस समय फ्री सेल हो रहा है.
इसकी दर मांग और आपूर्ति पर निर्भर है. हालांकि, विभागीय अधिकारी कालाबाजारी और अवैध खनन पर नजर रखेंगे. इसके लिए ड्रोन से बालू घाटों की निगरानी होगी. इसके बाद सैटेलाइट से भी बालू घाटों पर नजर रखने की योजना बनी है. इसकी टेंडर प्रक्रिया चल रही है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुल 29 जिलों के बालू घाटों की बंदोबस्ती की जाती है. इनमें से पूर्णिया और गोपालगंज की बंदोबस्ती नहीं हुई है. इन 27 जिलों में निगम द्वारा संचालित बफर स्टॉक की जरूरत नहीं है. ऐसे में 11 जिलों में निगम बफर स्टॉक बनाकर उसमें बालू भंडारण की व्यवस्था करेगा. इसका मकसद लोगों को बालू उपलब्ध करवाना है.
ये हैं बंदोबस्तधारी
ब्रॉडसन कमोडिटिज प्रालि, आदित्य मल्टीकॉम प्रालि, जय माता दी इंटरप्राइजेज, वेस्टलिंक ट्रेडिंग प्रालि, मोर मुकुट प्रालि, बंशीधर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, महादेव इंक्लेव प्रालि, सिंह एंड गिरी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि, कुंदन कुमार मधेपुरा जिला, मो इजरायल किशनगंज जिला, चंदन कुमार सहरसा जिला, उमेश कुमार मुजफ्फरपुर जिला, मो मसीहा, चैंपियन ग्रुप ऑफ कंपनी, कात्यायनी कांट्रैक्टर्स प्रालि.