VIDEO : डेनमार्क के दूल्हे और स्पेन की दुल्हन ने रचाया भारतीय रीति-रिवाज से विवाह, दूल्हे ने हिंदी में कहा- ”नमस्कार”

कटिहार : विदेश के लोगों में भारतीय संस्कृति को जानने-समझने की ललक दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कटिहार में योग सीखने आये विदेशी जोड़े ने भारतीय रीति-रिवाज से एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खायीं और परिणय सूत्र में बंध गये. विवाह संपन्न होने के बाद विदेशी दूल्हे ने हाथ जोड़ कर हिंदी में ‘नमस्कार’ […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2017 3:33 PM

कटिहार : विदेश के लोगों में भारतीय संस्कृति को जानने-समझने की ललक दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कटिहार में योग सीखने आये विदेशी जोड़े ने भारतीय रीति-रिवाज से एक-दूसरे के साथ जीने-मरने की कसमें खायीं और परिणय सूत्र में बंध गये. विवाह संपन्न होने के बाद विदेशी दूल्हे ने हाथ जोड़ कर हिंदी में ‘नमस्कार’ बोल कर धन्यवाद भी दिया. साथ ही अपने गुरु आचार्य जगदीश के पांव छूकर आशीर्वाद भी लिया.

जानकारी के मुताबिक, डेनमार्क के म्यूजिक टीचर पोलर परेड्स और स्पेन की डॉक्टर जानहेंग्लुंग योग की शिक्षा ग्रहण करने के लिए कटिहार में आचार्य जगदीश के यहां आयें. यहां रह कर दोनों ने योग की शिक्षा ली. यहीं दोनों ने एक-दूसरे को देखा और बात आगे बढ़ी. धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम पनपा और दोनों ने स्वेच्छा से विवाह के लिए तैयार हो गये. इसके बाद दोनों ने आपसी रजामंदी के बाद विवाह के लिए अपने गुरु आचार्य जगदीश के पास गये. विदेशी जोड़े ने भारतीय संस्कृति से विवाह रचाने के लिए आचार्य से कहा. आचार्य जगदीश ने पोलर परेड्स और जानहेंग्लुंग को विवाह की सहमति दे दी. साथ ही विवाह के लिए आचार्य ने दोनों को भारतीय नाम भी दिया. डेनमार्क के पोलर परेड्स को सुदर्शन और स्पेन की जानहेंग्लुंग को पार्वती नाम आचार्य ने दिया. कटिहार की प्रोफेसर कॉलोनी स्थित आचार्य जगदीश के घर पर ही भारतीय रीति-रिवाज से विवाह कराया गया. विवाह संपन्न होने के बाद विदेशी दूल्हे ने हाथ जोड़ कर हिंदी में ‘नमस्कार’ बोल कर धन्यवाद भी दिया. साथ ही अपने गुरु आचार्य जगदीश के पांव छूकर आशीर्वाद भी लिया.

भारतीय संस्कृति और परंपरा विदेशों में अब भी बेहतर मानी जाती है. इसका जीता जागता उदाहरण यूरोपियन देश के दो नागरिकों की शादी. नवदंपती ने भारतीय संस्कृति और रीति-रिवाज से विवाह के बाद कहा कि परिणय सूत्र में बंधने के बाद दुनिया में घूम-घूम कर योग-ध्यान की शिक्षा देंगे. साथ ही कहा कि भारतीय संस्कृति के रीति-रिवाज और महत्व के बारे में भी लोगों को बतायेंगे.

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