पटना में BTET-CTET पास अभ्यर्थियों ने डाक बंगाला चौराहा किया जाम, बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

पटना में BTET-CTET पास अभ्यर्थियों ने डाक बंगाला चौराहा जाम किया. सातवीं चरण में बहाली की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर उतर गए हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि पुलिस के द्वारा उन्होंने विधानसभा जाने से रोकने के लिए डंडे चटकाए गए हैं. हालांकि प्रशासन ने इससे इंकार किया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 13, 2022 1:27 PM

पटना में BTET-CTET पास अभ्यर्थियों ने डाक बंगाला चौराहा जाम किया. सातवीं चरण के बहाली की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सड़क पर उतर गए हैं. इससे यातायात पुलिस को ट्रैफिक डाइवर्ट करना पड़ रहा है. शिक्षक अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर पिछले 38 दिनों से गर्दनीबाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. मगर सरकार के द्वारा सातवी चरण की बहाली का नोटिफिकेशन जारी नहीं करने पर आज विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा का घेराव करने निकले हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि वह पिछले 3 साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. जिस पर उन्हें शिक्षा विभाग के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. कुछ अभ्यर्थियों का आरोप है कि उन्हें रोकने के लिए डंडे भी चटकाए गए हैं.

प्रशासन के अधिकारी मौजूद

विधानसभा जा रहे बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थियों को डाक बंगला चौराहे पर रोक लिया गया है. इन्हें रोकने के लिए यहां बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गयी है. पुलिस के आला अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वहां मौजूद हैं. पुलिस प्रशासन यहां से आगे जाने के लिए बैरिकेटिंग कर दी है. हालांकि पुलिस के अधिकारी लगातार शिक्षक अभ्यर्थियों से बातचीत करके उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं. मगर छात्र वापस जाने के लिए तैयार नहीं है. बताया जा रहा है कि डाकबंगाल चौराहा के जाम हो जाने से आधे पटना में जाम की स्थिति हो गयी है.

सरकार ने नहीं ली छात्रों की सुध: संघ

बिहार प्रारंभिक युवा शिक्षक संघ के अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर गौरव ने बताया कि करीब चार सालों से शिक्षक अभ्यर्थी सीटेट, बीटेट पास कर सड़क पर आंदोलन को विवश हैं. उन्होंने कहा कि गर्दनीबाग में शांतिपूर्ण ढंग से शिक्षक अभ्यर्थी पिछले 38 दिनों से धरने पर बैठे हैं, बावजूद इसके शिक्षा विभाग के कोई अधिकारी उनकी सुधि लेने धरनास्थल पर नहीं पहुंचे.विभाग के उदासीन रवैये के कारण शिक्षक अभ्यर्थियों में काफी रोष है.सरकार को समझना होगा कि छात्र राज्य सरकार का विरोध नहीं कर रहे हैं केवल अपने हक का रोजगार मांग रहे हैं.

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