राहत और आफत की बारिश : शहर ने ली सांस, किसानों पर बरसी मुसीबत
The city took a breather
::: धूल धुली, शहर खिली : बेमौसम बारिश ने मुजफ्फरपुर को दी राहत, वातावरण हुआ स्वच्छ; किसानों पर टूटा मुसीबत का पहाड़
::: हाइलाइट्स ::
शहर को राहत: बारिश से धुली धूल, प्रदूषण में आई कमी
किसानों पर आफत: गेहूं और तंबाकू की फसल को भारी नुकसान
वरदान भी: सब्जी, दलहन और मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए फायदेमंद
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
शहर में हुई बेमौसम बारिश ने जहां धूल और प्रदूषण से राहत दिलाकर पर्यावरण को एक नयी ताजगी दी है. वहीं, यह बारिश जिले के कई किसानों के लिए मुसीबत का पहाड़ बनकर टूटी है. शहर की बात करें तो, बारिश ने सड़कों पर जमी धूल की मोटी परत को धो डाला, जिससे वातावरण स्वच्छ हो गया है. पेड़-पौधे, जो धूल से धुंधले पड़ गये थे, अब हरे-भरे और जीवंत दिख रहे हैं. इस बारिश ने निश्चित रूप से शहर के प्रदूषण स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. हालांकि, कुछ निचले इलाकों और कच्ची सड़कों वाले क्षेत्रों में जलजमाव और कीचड़ की समस्या उत्पन्न हो गयी है, जिससे स्थानीय लोगों को आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी ओर, यह बेमौसम बारिश किसानों के लिए एक मिश्रित अनुभव लेकर आयी है. जिन किसानों की गेहूं की फसल अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हुई थी, उनके लिए यह बारिश भारी नुकसान का कारण बनी है. खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद हो गयी हैं. तंबाकू की खेती करने वाले किसानों को भी इस बारिश से काफी क्षति पहुंची है. हालांकि, सब्जी, दलहन और मक्के की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश किसी वरदान से कम नहीं है. इन फसलों के लिए यह बारिश फायदेमंद साबित हुई है और अच्छी पैदावार की उम्मीद जगी है. कुल मिलाकर, यह बेमौसम बारिश मुजफ्फरपुर शहर के लिए राहत लेकर आयी है, जिससे पर्यावरण में सुधार हुआ है. लेकिन, इसने कुछ किसानों के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं. जबकि, कुछ किसानों के लिए यह फायदेमंद साबित हुई है.
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