उत्तर बिहार में 22 साल का रिकॉर्ड टूटा, लगातार 10 दिनों से नहीं खिली धूप, शीतलहर का सितम जारी

No sunshine for 10 days, cold wave continues

By LALITANSOO | December 29, 2025 7:07 PM

मौसम के वरीय वैज्ञानिक के अनुसार वर्ष 2002-2003 में लगातार 15 दिनों तक नहीं निकली थी धूप

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

उत्तर बिहार में मौसम का मिजाज इन दिनों बेहद तल्ख बना हुआ है. मुजफ्फरपुर समेत समस्तीपुर और आसपास के जिलों में कनकनी वाली ठंड ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. पिछले करीब 10 दिनों से आसमान में बादलों और धुंध का डेरा है, जिसके कारण धूप के दर्शन नहीं हुए हैं. मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो यह स्थिति करीब दो दशक बाद दोहराई जा रही है, जिससे लोग घरों में दुबकने को मजबूर है.

2003 जैसी कड़ाके की ठंड की वापसी

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वरीय वैज्ञानिक डॉ. एके सत्तार ने बताया कि मौजूदा मौसमी हालात वर्ष 2002-2003 की याद दिला रहे हैं. उस दौरान भी लगातार 12 से 15 दिनों तक धूप नहीं निकली थी, और भीषण शीतलहर चली थी. करीब 22 साल के लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर उत्तर बिहार में वैसी ही स्थिति बनी हुई है. डॉ. सत्तार के अनुसार, फिलहाल कोल्ड डे की स्थिति बनी रहेगी और राहत मिलने के आसार कम है.

न्यूनतम के करीब पहुंचा अधिकतम तापमान

पूसा मौसम केंद्र द्वारा 29 दिसंबर को जारी आंकड़ों के अनुसार, पछुआ हवाओं ने कनकनी को और बढ़ा दिया है. सबसे चिंताजनक बात यह है कि दिन के अधिकतम और रात के न्यूनतम तापमान के बीच का अंतर बहुत कम हो गया है. रिकॉर्ड के तहत अधिकतम तापमान 13.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जो सामान्य से 7.3 कम रहा, वहीं न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस रहा. साथ ही 6.9 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चली. पछुआ हवा की वजह से शरीर में चुभने वाली ठंड महसूस की जा रही है.

कृषि और स्वास्थ्य पर असर

लगातार धूप न निकलने के कारण फसलों, विशेषकर रबी की फसलों पर असर पड़ने की संभावना है. वहीं, जिला प्रशासन ने बढ़ती ठंड को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने और अलाव की व्यवस्था करने की सलाह दी है. चिकित्सकों का कहना है कि तापमान में आई इस अचानक गिरावट से बच्चों और बुजुर्गों को सांस व कोल्ड स्ट्रोक का खतरा बढ़ गया है.

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