Muzaffarpur POCSO Case: मुजफ्फरपुर में थानाध्यक्ष पर गिरी गाज, 8 साल से लटके केस के मामले में कोर्ट ने लिया बड़ा एक्शन
Bihar News: मुजफ्फरपुर में आठ साल से लंबित पॉक्सो केस पर कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. थानाध्यक्ष की लापरवाही पर विशेष न्यायालय ने गैरजमानती वारंट जारी कर उन्हें गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है. अब DSP को गिरफ्तारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
Muzaffarpur POCSO case: बिहार के मुजफ्फरपुर में न्याय की राह पर आठ साल से धूल जम रही थी. पॉक्सो एक्ट के एक गंभीर मामले में लापरवाही बरतने वाले काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष पर अब कोर्ट ने शिकंजा कस दिया है. विशेष पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 ने थानाध्यक्ष के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है.
न्यायाधीश धीरेंद्र मिश्रा की अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि थानाध्यक्ष की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए, और इसके लिए जिम्मेदारी DSP (पूर्वी) को सौंपी गई है. साथ ही आदेश की प्रति SSP, CID और ADGP कमजोर वर्ग को भी भेजी गई है.
महिला और नाबालिग बेटी पर हमला, FIR के बाद भी 8 साल से रुकी जांच
पूरा मामला 24 दिसंबर 2017 का है, जब अनुसूचित जाति की एक महिला ने कोर्ट के आदेश पर काजीमोहम्मदपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. आरोप था कि आनंद कुमार वर्मा, रामभरोस महतो और राकेश कुमार ने महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ मारपीट और अभद्रता की थी. मामला बेहद गंभीर था, क्योंकि यह पॉक्सो और एससी/एसटी अधिनियम के तहत आता था। लेकिन थाने ने न सिर्फ जांच में लापरवाही बरती, बल्कि कोर्ट में रिपोर्ट तक नहीं दी।
जुर्माना भी न डरा सका अफसर को, अब सीधे वारंट हुआ जारी
कोर्ट ने 24 जून को थानाध्यक्ष पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया था, लेकिन न तो जानकारी दी गई और न ही वह 3 जुलाई की सुनवाई में पेश हुए. अब कोर्ट ने उन्हें 8 जुलाई तक गिरफ्तार कर पेश करने का आदेश दिया है.
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