एसएनसीयू के डॉक्टर काे दाेनों समय लगाना होगा राउंडअपर मुख्य सचिव ने सिविल सर्जन व अधीक्षक काे दिये निर्देशवरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुरसदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में अब डॉक्टरों को दोनों समय राउंड लगाना अनिवार्य किया गया है. राउंड लगाने के समय डॉक्टर के ट्रीटमेंट कंटिन्यू टेंशन सीट पर दस्तखत करना भी अनिवार्य होगा. राउंड का समय सुबह 9 से 11 और शाम 4 से 6 बजे निर्धारित किया है.इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सिविल सर्जन व अधीक्षक को निर्देशित किया है. कहा है कि एसएनसीयू में भर्ती नवजात की जांच व उपचार की पूरी व्यवस्था की गई है. इस संबंध में 24 घंटे सातों दिन डॉक्टर की राेस्टर ड्यूटी लगायी जा रही है, लेकिन कई बार डॉक्टर के राउंड नहीं लगाने की बात सामने आ रही है. पटना में स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से यह माॅनीटरिंग में सामने आया है. इसको लेकर सुबह व शाम में यहां तैनात चिकित्सकों काे दाे-दाे घंटे राउंड लगाना अनिवार्य होगा. बताया जाता है कि प्रसव के दौरान जटिलता के साथ जन्म लेने वाले या समय से पहले जन्म लेने वाले नवजात को एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है. इसके लिए यहां विशेष प्रकार के अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. जिसके माध्यम से नवजात का इलाज किया जाता है. शिशु मृत्यु दर को शून्य पर लाने को लेकर यह सुविधा शुरू की गई है.

एसएनसीयू के डॉक्टर काे दाेनों समय लगाना होगा राउंड

By Prabhat Khabar | April 19, 2024 8:12 PM

अपर मुख्य सचिव ने सिविल सर्जन व अधीक्षक काे दिये निर्देश मुजफ्फरपुर. सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू में अब डॉक्टरों को दोनों समय राउंड लगाना अनिवार्य किया गया है. राउंड लगाने के समय डॉक्टर के ट्रीटमेंट कंटिन्यू टेंशन सीट पर दस्तखत करना भी अनिवार्य होगा. राउंड का समय सुबह 9 से 11 और शाम 4 से 6 बजे निर्धारित किया है. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सिविल सर्जन व अधीक्षक को निर्देशित किया है. कहा है कि एसएनसीयू में भर्ती नवजात की जांच व उपचार की पूरी व्यवस्था की गई है. इस संबंध में 24 घंटे सातों दिन डॉक्टर की राेस्टर ड्यूटी लगायी जा रही है, लेकिन कई बार डॉक्टर के राउंड नहीं लगाने की बात सामने आ रही है. पटना में स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से यह माॅनीटरिंग में सामने आया है. इसको लेकर सुबह व शाम में यहां तैनात चिकित्सकों काे दाे-दाे घंटे राउंड लगाना अनिवार्य होगा. बताया जाता है कि प्रसव के दौरान जटिलता के साथ जन्म लेने वाले या समय से पहले जन्म लेने वाले नवजात को एसएनसीयू में भर्ती किया जाता है. इसके लिए यहां विशेष प्रकार के अत्याधुनिक उपकरण लगाए गए हैं. जिसके माध्यम से नवजात का इलाज किया जाता है. शिशु मृत्यु दर को शून्य पर लाने को लेकर यह सुविधा शुरू की गई है.

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