सड़क सुरक्षा के प्रति सचेत होने से बचायी जा सकती सैकड़ों जिंदगी
Hundreds of lives can be saved
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा सड़क सुरक्षा के प्रति पैनल अधिवक्ताओं, पारा विधिक स्वयंसेवकों को जागरूक व प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्वेता कुमारी सिंह के निर्देश पर एडीआर भवन में प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ जिला व सत्र न्यायाधीश व अन्य पदाधिकारियों ने दीप प्रज्वलन कर किया गया. सर्वप्रथम प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश ने सड़क सुरक्षा मुद्दे की गंभीरता तथा इसके प्रति लोगो में सचेतता व जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने कहा की सामान्य जानकारियों के अभाव में प्रतिदिन सड़क दुर्घटनाओं में हजारों लोगों की अकाल मौत हो जाती है. जिन्हें जानकारी रहने व समय रहते प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराकर बचाया जा सकता है. उन्होंने विशेष रूप से आग्रह किया कि इस विषय पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम में सही रूप से बातों को समझे और इसे अन्य लोगों तक भी प्रसारित करें ताकि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों की जान बचायी जा सके. इसमें मुख्य प्रशिक्षक पटना एम्स के डॉ अनिल कुमार, ट्रैफिक डीएसपी निलाभ कृष्ण ने सभी को प्रशिक्षित किया. डॉ अनिल कुमार ने सड़क दुर्घटना के बाद एंबुलेंस की उपलब्धता शीघ्र करने, आवश्यक उपचार के बारे में जानकारी दी. अचेत व्यक्ति के रूकी सांस को पुनः संचारित करना, सीपीआर प्रक्रिया, जख्म के प्राथमिक उपचार, रक्तस्राव को रोकने आदि के बारे में बताया गया. डीएसपी ने यातायात निमय की अनदेखी दुर्घटना का मुख्य कारण बताया. साथ ही दुर्घटना लापरवाही के कारण होती जैसे गाड़ी चलाते समय मोबाइल देखना, हेलमेट नहीं, नशा करके गाड़ी चलाना आदि. चालान इसलिए काटा जाता कि आप दोबारा गलती ना करे. सड़क सुरक्षा के संबंध में सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा भी बताया गया. इसके अलावा जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव जयश्री कुमारी ने पारा विधिक स्वयसेवकों व पैनल अधिवक्ताओं को संवेदनशील और तत्परता से कार्य करने का सलाह दिया गया. उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार से निर्देशित होने वाले प्रत्येक योजनाओं में सभी पारा विधिक स्वयंसेवकों व पैनल अधिवक्ताओं को आपसी समन्वय और तालमय बनाकर कार्य करना है. उन्होंने कुछ योजनाओं के निष्पादन में आ रही बाधाओं पर भी वर्चा की और उनके निराकरण हेतु आवश्यक सुझाव दिये. अंत में उनके द्वारा धन्यवाद ज्ञापन देकर उक्त प्रशिक्षण, जागरूकता कार्यक्रम सडक सुरक्षा, आशा, डॉन, साथी, सितारा आदि का समापन किया गया.
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