एक सभ्य समाज के लिये मृत्युदंड देना अमानवीय : प्रो.प्रमोद

एक सभ्य समाज के लिये मृत्युदंड देना अमानवीय : प्रो.प्रमोद

By Prabhat Khabar | April 29, 2024 8:22 PM

:: एसकेजे लॉ कॉलेज में “भारत में मृत्यु दण्ड का औचित्य : एक समालोचनात्मक अध्ययन ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर

गन्नीपुर स्थित श्रीकृष्ण जुबली लॉ कॉलेज के सेमिनार हॉल में सोमवार को “भारत में मृत्यु दण्ड का औचित्य : एक समालोचनात्मक अध्ययन ” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेज निरीक्षक कला प्रो.प्रामोद कुमार ने कहा कि मृत्यु दण्ड पर सरकार एवं न्यायपालिका को लचीला रुख अपनाना चाहिए. एक सभ्य समाज के लिये मृत्युदण्ड देना अमानवीय प्रतीत होता है. दुनियां में बहुत सारे विकसित देशों में मृत्यु दण्ड के प्रावधानों को समाप्त कर दिया गया है.

इससे पूर्व कॉलेज में स्थित डॉ श्री कृष्ण सिंह व एलपी शाही की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई. काॅलेज के अध्यक्ष एसके मिश्रा, सचिव डॉ उज्जवला मिश्रा व निदेशक जयंत कुमार ने मुख्य अतिथि को सम्मानित किया.

निदेशक ने कहा कि मृत्युदण्ड देने से न्यायिक प्रशासन सुचारु रुप से चलने में सहायक होता है. देश व समाज में शांति व्यवस्था बनी रहती है. इस कड़े विधिक प्रावधान के कारण अपराधियों में भय बना रहता है. अध्यक्ष एसके मिश्रा ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के अंतर्गत भारत के राष्ट्रपति को मृत्युदण्ड को आजीवन कारावास में बदलने या पूरी तरह से क्षमा करने का अधिकार प्राप्त है. इसका उपयोग राष्ट्रपति अपने विवेक से करते हैं. सचिव डॉ उज्जवला मिश्रा ने कार्यक्रम को संबोधित किया.

प्राचार्य डॉ केकेएन तिवारी समेत कॉलेज के पदाधिकारियों और मुख्य अतिथि ने वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता-2024 के विभिन्न खेलाें में विजयी बने छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट व मोमेन्टो देकर प्रोत्साहित किया. सांस्कृतिक कमेटी की ओर से आयोजित विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.

कार्यक्रम में उप प्राचार्य प्रो.बीएम आजाद, डाॅ रवि रंजन राय, डाॅ एसपी चौधरी, प्रो.रत्नेश भरद्वाज, डॉ अर्चना अनुपम, सेमिनार संयोजक प्रो.पंकज कुमार, प्रो.ब्रजेश कुशवाहा, प्रो.सत्यव्रत, प्रो.शक्ति कुमार, प्रो.मधु कुमारी, प्रो.आशीष कुमार सिंह, प्रो.देवेन्द्र मिश्रा, प्रो.विपीन कुमार, प्रो.आशुतोष कुमार, प्रो.रुपा झा, प्रो.एम. दीक्षित, उज्जवल कुमार, विवेक कुमार समेत अन्य थे. मंच संचालन प्रो.रत्नेश भारद्वाज व धन्यवाद ज्ञापन प्रो.बीएम आजाद ने किया.

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