सीतामढ़ी के परसौनी सिग्नल के पास दिखा लाल झंडा

सीतामढ़ीण/मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन फिर से बाधित हो गया है. सीतामढ़ी के बाजपट्टी इलाके में रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा मिलने के बाद ये फैसला लिया गया. इसके साथ ही सीतामढ़ी-दरभंगा के बीच भी ट्रेनें नहीं चल रही हैं. परसौनी होम सिगनल के पास से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 7, 2015 9:53 AM
सीतामढ़ीण/मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेल खंड पर ट्रेनों का परिचालन फिर से बाधित हो गया है. सीतामढ़ी के बाजपट्टी इलाके में रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा मिलने के बाद ये फैसला लिया गया. इसके साथ ही सीतामढ़ी-दरभंगा के बीच भी ट्रेनें नहीं चल रही हैं. परसौनी होम सिगनल के पास से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा गड़ा देख रेलवे में सनसनी फैल गयी. सूचना पर पहुंचे रेलवे के अधिकारियों व जिला पुलिस ने मौके पर जाकर जांच की.
रेलवे की ओर से सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया. सुरक्षा की दृष्टि से सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेल खंड पर भी ट्रेनों का आवागमन रोक दिया गया है.
इधर, मुजफ्फरपुर स्टेशन के सहायक स्टेशन मास्टर ने बताया कि मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी रेलखंड पर अन्य दिनों की तरह गाड़ियां चल रही है. कोई रूट परिवर्तन नहीं किया गया है. बताया जाता है, शुक्रवार को शाम सात बजे दरभंगा से लाइट इंजन होम सिग्नल के समीप पहुंची, तो चालक ने रेलवे ट्रैक पर लाल झंडा गड़ा देखा. चालक ने इंजन को रोक कर सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों को सूचित किया.
रेल अधिकारियों ने यह सूचना जिला पुलिस को दी. सूचना मिलने के बाद सदर डीएसपी मिथिलानंद उपाध्याय, जीआरपीप्रभारी इमरान आलम व बाजपट्टी थानाध्यक्ष अभिषेक कुमार मौके पर पहुंचे. जांच-पड़ताल के क्रम में देखा गया कि लाल कपड़े में एक कागज का टुकड़ा सटा हुआ है. कागज पर माओवादी कुंती देवी मोतिहारी के अलावा उर्दू में कुछ लिखा हुआ था. इसके बाद ट्रैक पर कुछ दूर तक जांच के बाद लाइट इंजन को सीतामढ़ी के लिए रवाना किया गया. इसके बाद सीतामढ़ी रेलवे स्टेशन पर सीतामढ़ी-दरभंगा रेलखंड पर तत्काल प्रभाव से ट्रेनों के परिचालन के बंद होने की घोषणा की गयी.
पहले भी रुका परिचालन
सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर रेलखंड पर पहले भी माओवादियों के खतरे को देखते हुये ट्रनों का परिचालन रोका गया है. इस रेलखंड पर पैसेंजर ट्रेनों के अलावा लंबी दूरी की कुछ ही ट्रेनें गुजरती हैं, लेकिन जब भी माओवादियों के खतरे की आशंका होती है, तब एहतियातन ट्रेनों का परिचालन रोक दिया जाता है.

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