एक हफ्ते बाद जागे विधायक व पार्षद

मुजफ्फरपुर: जल जमाव व गंदगी से शहर को नरक बनने के एक सप्ताह बाद नगर विधायक सुरेश शर्मा व वार्ड पार्षद जाग गये हैं. लोगों को को नारकीय स्थिति से निजात दिलाने के लिए मंगलवार शाम विधायक करीब एक दर्जन पार्षदों व पूर्व पार्षदों के साथ नगर-निगम कार्यालय पहुंचे. उन्होंने डिप्टी मेयर, नगर आयुक्त व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 20, 2014 8:00 AM

मुजफ्फरपुर: जल जमाव व गंदगी से शहर को नरक बनने के एक सप्ताह बाद नगर विधायक सुरेश शर्मा व वार्ड पार्षद जाग गये हैं. लोगों को को नारकीय स्थिति से निजात दिलाने के लिए मंगलवार शाम विधायक करीब एक दर्जन पार्षदों व पूर्व पार्षदों के साथ नगर-निगम कार्यालय पहुंचे.

उन्होंने डिप्टी मेयर, नगर आयुक्त व अंचल निरीक्षकों के साथ साफ-सफाई व जल जमाव के कारण नारकीय स्थिति को दूर करने को लेकर चर्चा की. बैठक के दौरान विधायक का तेवर तल्ख दिख रहा था.

विधायक साफ-सफाई व जलजमाव को लेकर कुछ ज्यादा ही चिंतित नजर आ रहे थे. उन्होंने नगर आयुक्त व अंचल निरीक्षकों से लोगों को नारकीय स्थिति से निजात दिलाने के लिए अब तक की गयी कार्रवाई का ब्योरा मांगा. जवाब में नगर आयुक्त ने दलीलें देनी शुरू कर दी. इस पर विधायक भड़क गये. विधायक ने कहा, निगम अब तक इसी तरह की दलीलें देकर नगर वासियों को ठग रहा है. लोग गंदगी व जलजमाव के बीच रह रहे हैं. निगम क्षेत्र में पड़ने वाले दर्जनों ऐसे मोहल्ले हैं, जहां डेढ़ से दो फिट तक पानी लगा है. लोगों को रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए भी घर से निकलना मुश्किल हो गया है. जल जमाव व गंदगी से शहर में महामारी फैलने की आशंका है. इसके बाद भी कोई पहल नहीं की जा रही है. शहर के छोटे-छोटे पुल-पुलिया व नालों के साथ सभी आउटलेट भी हैं. आउटलेट की सफाई को लेकर बार-बार मुद्दा उठ रहा है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है.

नगर आयुक्त काम करें, वरना छोड़ें कुरसी : विधायक ने नगर आयुक्त को शहर में जमा पानी को निकालने के लिए चार दिनों का समय दिया है. यानी रविवार तक शहर की साफ-सफाई व जल जमाव की समस्या दूर नहीं होती है, तो वे सोमवार से निगम में आमरण अनशन करेंगे. उनके साथ कुछ पार्षद भी शामिल होंगे. विधायक का कहना है कि नगर निगम की स्थापना लोगों को गंदगी से निजात दिलाने के साथ विशेष सुविधा देने के ख्याल से हुआ था. मगर वर्तमान में निगम में जिस तरह की स्थिति बन गयी है, उससे लगता है कि निगम साफ-सफाई व बुनियादी सुविधाओं को छोड़ घोटाला व लूट-खसोट में लग गया है. उन्होंने नगर आयुक्त सीता चौधरी को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि वे लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी देने में सक्षम नहीं हैं तो वे खुद को अक्षम घोषित करते हुए सरकार को पत्र लिखें. ताकि, कोई दूसरा अधिकारी निगम का कार्यभार संभालेंगे.

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