देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित रहा मुजफ्फरपुर, पटना तीसरे नंबर पर

पटना/मुजफ्फरपुर : रविवार को समूचे देश में मुजफ्फरपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित दर्ज की गयी. प्रदूषित हवा के मामले में पटना भी तीसरे स्थान पर रहा. प्रदेश की हवा की गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब (वैरी पूअर) दर्ज की गयी. गया की हवा की गुणवत्ता मोडरेट श्रेणी की रही. इस तरह बिहार के दो […]

By Prabhat Khabar Print Desk | November 18, 2019 8:40 AM

पटना/मुजफ्फरपुर : रविवार को समूचे देश में मुजफ्फरपुर की हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित दर्ज की गयी. प्रदूषित हवा के मामले में पटना भी तीसरे स्थान पर रहा. प्रदेश की हवा की गुणवत्ता का स्तर बहुत खराब (वैरी पूअर) दर्ज की गयी. गया की हवा की गुणवत्ता मोडरेट श्रेणी की रही. इस तरह बिहार के दो मुख्य शहरों की हवा बहुत खराब रही. यह स्थिति कमोबेश पिछले करीब बीस दिन से बनी हुई है. जहां तक अच्छी हवा का सवाल है पूरे देश में केवल दो शहरों इलूर और तिरुवंतपुरम की हवा सांस लेने योग्य (अच्छी) दर्ज की गयी.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आधिकारिक जानकारी के मुताबिक देश में हवा की बहुत खराब श्रेणी कुल 5 शहरों में दर्ज की गयी. इसमें मुजफ्फरपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स सबसे अधिक 315, वाराणसी का 312, पटना का 309, कानपुर का 307, कटनी का 304 रहा. गया का एयर क्वालिटी इंडेक्स 188 दर्ज किया गया है. उल्लेखनीय है कि समूचे देश में 102 शहरों केवल 23 शहरों की हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी की दर्ज की गयी है. इनमें दिल्ली भी शामिल है. 44 शहरों की हवा मोडरेड श्रेणी ( कम खराब) दर्ज की गयी है. कुल 103 शहरों में 31 शहरों की हवा संतोषजनक रही.
देश में केवल दो शहर इलूर और तिरुवनंतपुरम की हवा ही सांस लेने योग्य रही, एक्यूआइ रहा क्रमश. 27 व 40
प्रदूषण से बचने के लिए चलाएं साइकिल
शहर को वायु प्रदूषण से बचाने के लिए साइकिल चलाना होगा. अधिकारी हो या सामान्य लोग, वे साइकिल का इस्तेमाल करेंगे तो दूसरों को भी प्रेरणा मिलेगी. शहर इतना बड़ा नहीं है कि हम बाइक व कार छोड़ साइकिल से नहीं चल सकते. जरूरत हो तो गाड़ी का भी इस्तेमाल करें.
लेकिन दैनिक कार्यकलापों में साइकिल चलाएं. इससे शहर में प्रदूषण बहुत हद तक कम हो जायेगा. जिनका घर कार्यालय से नजदीक हो वे पैदल भी आ सकते हैं. इससे उनकी सेहत भी ठीक रहेगी. हमलोगों को इसे अपने जीवन में उतारना चाहिए. हम अब भी नहीं संभले तो आने वाले समय में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना असंभव हो जायेगा.
छुट्टियों के दिन पौधे लगाना अपनी दिनचर्या में शामिल करें. बच्चों को भी बतायें कि पौधे लगाना क्यों जरूरी है. शहर में ज्यादा धुआं छोड़ने वाले गाड़ियों के प्रवेश पर रोक लगायी जाए. सरकारी व गैर सरकारी स्तर पर लोगों को बताया जाए कि वायु प्रदूषण से क्या हानियां हैं. फिलहाल जो शहर की स्थिति है, उससे क्या प्रभाव पड़ रहा है. जब हम खुद को बदलेंगे तो हमारा शहर भी बदलेगा.

Next Article

Exit mobile version