मुजफ्फरपुर : आज न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे अधिवक्ता, कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन

मुजफ्फरपुर : बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर सोमवार को शहर के अधिवक्ताओं ने जुलूस निकाल कर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. जिला बार एसोसिएशन के महासचिव सच्चिदानंद सिंह के नेतृत्व में व्यवहार न्यायालय परिसर में अधिवक्ता एकजुट हुए. इसके बाद जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने दस सूत्री […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 12, 2019 7:06 AM

मुजफ्फरपुर : बार काउंसिल ऑफ इंडिया के आह्वान पर सोमवार को शहर के अधिवक्ताओं ने जुलूस निकाल कर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया. जिला बार एसोसिएशन के महासचिव सच्चिदानंद सिंह के नेतृत्व में व्यवहार न्यायालय परिसर में अधिवक्ता एकजुट हुए. इसके बाद जुलूस की शक्ल में कलेक्ट्रेट पहुंचे.

यहां अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने दस सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. शाम में जिला जज शैलेंद्र कुमार सिंह से मिलकर प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें भी ज्ञापन सौंपा व मंगलवार को न्यायिक कार्यों से अलग रहने की बात कही. अधिवक्ताओं ने कहा कि मांगों के समर्थन में वे लोग पटना जायेंगे.
वहां चीफ जस्टिस व राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जायेगा. प्रतिनिधिमंडल में जिला बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष जयमंगल प्रसाद, संयुक्त सचिव अरविंद कुमार, सहायक सचिव अरविंद कुमार सिंह, एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष बीके लाल, टैक्सेशन बार के अध्यक्ष अशोक वर्मा, जिला बार विभूतिनाथ झा, केशव कुमार वराजीव कुमार शामिल थे. संचालन समिति में संयोजक बीके लाल, अरविंद कुमार, विभूति नाथ झा व अरुण कुमार शर्मा थे.
मुख्य मांगें
सभी न्यायालय में अधिवक्ता संघ के लिए भवन, ई लाइब्रेरी, शौचालय, मुफ्त इंटरनेट सुविधा, खान-पान के लिए कैंटीन व मुवक्किल के बैठने की सुविधा हो.
नये अधिवक्ताओं के लिए दस हजार रुपये प्रतिमाह की व्यवस्था पांच साल के लिए हो.अधिवक्ता व उनके परिवार के लिए जीवन-बीमा, असामयिक मृत्यु पर कम से कम 50 लाख रुपये की व्यवस्था व उनके परिजनों को बीमार होने पर बेहतर इलाज की मुफ्त सुविधा मिले.
अक्षम व वृद्ध अधिवक्ताओं को पेंशन व पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था हो.
लोक अदालतों का काम वकीलों के जिम्मे किया जाये, न्यायिक अधिकारियों व न्यायधीशों को इससे अलग रखा जाये.
जरूरतमंद अधिवक्ताओं को उचित मूल्य पर गृह निर्माण के लिए भूखंड की व्यवस्था सरकार करे.
सभी ट्रिब्यूनल व कमीशन न्यायिक पदाधिकारियों की बजाय वकीलों की बहाली हो.

Next Article

Exit mobile version