आठ नक्सलियों के खिलाफ एनआइए की जांच शुरू, इकट्ठा संपत्ति होगी जब्त
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में गिरफ्तार किये गये आठ नक्सलियों के खिलाफ सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. नक्सली संगठनों की बढ़ती सक्रियता और उनके द्वारा लेवी के पैसे से अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति की जांच का जिम्मा एनआइए को सौंप दिया गया है. अबतक गिरफ्तार हार्डकोर नक्सलियों में से […]
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार में गिरफ्तार किये गये आठ नक्सलियों के खिलाफ सरकार ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. नक्सली संगठनों की बढ़ती सक्रियता और उनके द्वारा लेवी के पैसे से अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति की जांच का जिम्मा एनआइए को सौंप दिया गया है. अबतक गिरफ्तार हार्डकोर नक्सलियों में से आठ के मामलों की एनआइए जांच कर रही है. इन नक्सलियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित की गयी संपत्ति जांच के बाद उसे जब्त करने की कार्रवाई भी किये जाने की बात बतायी जा रही है.
बताया जाता है कि आतंक फैलाकर संपत्ति अर्जित करने की नक्सली संगठनों द्वारा अपनायी जा रही रणनीति को ध्वस्त करने के लिए केंद्र सरकार ने यह कठोर निर्णय लिया है. इस कार्रवाई में एनआइए को जिला पुलिस भी सहयोग कर रही है. सबसे पहले एनआइए ने देवरिया कोठी थाना क्षेत्र के लखनौरी निवासी अनिल राम की गिरफ्तारी के साथ ही उस केस को अपने पास ले लिया. अनिल राम से पूछताछ के बाद मिले सबूतों के आधार पर एनआइए ने जेल में बंद नक्सली बरूराज थाना क्षेत्र के लखनसेन निवासी कमलेश भगत, देवरिया कोठी थाना क्षेत्र के मोहब्बतपुर निवासी सुधीर भगत, वैशाली जिले के सदर थाना क्षेत्र के थाथन निवासी हार्डकोर नक्सली मुसाफिर सहनी व उसका पुत्र रोहित सहनी के मामले में जांच शुरू कर दी है. हाल ही में एनआइए ने मास्टर माइंड हार्डकोर नक्सली कटिहार जिले के कुरसैला थाना क्षेत्र के खेरिया निवासी उमेश यादव को मुंगेर जिले के जमालपुर से गिरफ्तार किया है. उमेश यादव के मामले में भी टेरर फंडिंग अधिनियम के तहत जांच की जा रही है.
पुलिस सूत्रों के अनुसार उत्तर बिहार के विभिन्न जिलों में बंद अन्य हार्डकोर नक्सलियों को भी टेरर फंडिंग रोकने के लिए बनाये गये अधिनियम के तहत जांच करने के लिए उन्हें चिन्हित किया जा रहा है. इन सभी नक्सलियों की संपत्ति जब्त करने के साथ-साथ उन्हें सजा भी दिलाई जायेगी.