शहर की गंदगी बेहतर रैंकिंग पर फेर सकता है पानी

मुजफ्फरपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए तीन दिनों से शहर में सर्वेक्षण कर रही तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम शुक्रवार की शाम लौट गयी. तीन दिनों के भीतर टीम शहर में साफ-सफाई व नगरीय सुविधाओं का जायजा लिया. इसके अलावा निगम की तरफ से स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जो ऑनलाइन जानकारियां दी गयी है. वह सही […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2018 5:15 AM

मुजफ्फरपुर : स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 के लिए तीन दिनों से शहर में सर्वेक्षण कर रही तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम शुक्रवार की शाम लौट गयी. तीन दिनों के भीतर टीम शहर में साफ-सफाई व नगरीय सुविधाओं का जायजा लिया. इसके अलावा निगम की तरफ से स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर जो ऑनलाइन जानकारियां दी गयी है. वह सही है या नहीं. इसकी जांच-पड़ताल की. हालांकि, शहर में साफ-सफाई की स्थिति जिस तरह से फिलहाल दिख रही है. इससे बेहतर रैंकिंग की उम्मीदें नहीं की जा सकती है.

ऑनलाइन प्रश्नों का जवाब देने व टॉल फ्री नंबर 1969 पर कॉल कर सुझाव देने की स्थिति में भी मुजफ्फरपुर की स्थिति सही नहीं है. पटना के बाद भले ही दूसरे नंबर पर मुजफ्फरपुर का रैंकिंग अभी दिख रहा है, लेकिन भीतर ही भीतर अधिकारी व कर्मियों के मन में तैयारी में हुई चूक से रैंकिंग अच्छा नहीं मिलने का डर सताने लगा है.

स्टेशन रोड की नहीं सुधरी स्थिति : नगर निगम से सटे स्टेशन रोड की स्थिति में रेलवे को पत्र लिखे जाने के बाद भी सुधार नहीं है. निगम कैंपस में होटल के शौचालय का मैला व गंदा पानी वैसे ही गिर रहा है. रेलवे के शौचालय का मैला भी नाले में खुले रूप से बहता है.
इससे काफी परेशानी है. क्योंकि निगम कार्यालय से सटे व कैंपस की साफ-सफाई अगर बेहतर नहीं है, तब केंद्रीय टीम से बेहतर रैंकिंग की उम्मीद कैसे की जा सकती है. हालांकि, नवनियुक्त नगर आयुक्त ने इन सभी बिंदुओं पर जोर देते हुए संबंधित कर्मियों को बेहतर तरीके से काम करने का जिम्मा सौंपा है.

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