पत्नी को तीन लाख में बेचा, खरीदार को 20 साल की सजा

डुमरा कोर्ट(सीतामढ़ी): रुन्नीसैदपुर की विवाहिता को तीन लाख रुपये में खरीदने व दिल्ली ले जाकर साथियों के साथ गैंगरेप मामले में दोषी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनायी है. फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आरपी ठाकुर ने बुधवार को यह फैसला सुनाया. दोषी विनोद राम का पुत्र अजीत राम है, जो मीनापुर थाना […]

By Prabhat Khabar Print Desk | October 19, 2017 10:52 AM
डुमरा कोर्ट(सीतामढ़ी): रुन्नीसैदपुर की विवाहिता को तीन लाख रुपये में खरीदने व दिल्ली ले जाकर साथियों के साथ गैंगरेप मामले में दोषी को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनायी है. फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आरपी ठाकुर ने बुधवार को यह फैसला सुनाया. दोषी विनोद राम का पुत्र अजीत राम है, जो मीनापुर थाना क्षेत्र के सलेमपुर गांव का रहनेवाला है.

विवाहिता ने भाई की मदद सेकोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया था. केस दर्ज होने के दो साल पांच माह बाद कोर्ट का फैसला आया है. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक अकील अहमद व बचाव पक्ष की ओर से आशुतोष कुमार ने अपना पक्ष रखा.

मेडिकल जांज के समय गर्भवती थी पीड़िता
इसके बाद पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू किया. 22 फरवरी 2015 को विवाहिता को बरामद कर कोर्ट में पेश किया. बयान में विवाहिता ने पति समेत ससुरालियों पर अजीत राम के हाथ तीन लाख में बेच देने की बात कही. साथ ही दिल्ली ले जाकर दुष्कर्म व चार-पांच साथियों से गैंगरेप का आरोप लगाया था.
मेडिकल रिपोर्ट में भी गैंगरेप की पुष्टि हुई थी. पीड़िता गर्भवती पायी गयी थी. पुलिस ने विवाहिता के पति मो सुन्ना, मो मोहनीफ, मो मुताज सहित अन्य को आरोपित किया, जिसकी सुनवाई अलग से सीजेएम कोर्ट में अलग से चल रही है. इसमें दो नवंबर को सुनवाई होनी है. जबकि, फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहे गैंगरेप के मामले में कोर्ट ने एक आरोपित को बीस साल की सजा सुनायी है.

क्या है मामला
रुन्नीसैदपुर के पुनरबारा गांव निवासी मो शहाबुद्दीन ने अपनी बहन को दहेज के लिए बेच दिये जाने को लेकर सीजेएम कोर्ट में 24 नवंबर 2015 को मुकदमा दर्ज कराया था. उसने बताया था कि 30 अप्रैल 2014 को उसने बहन की शादी मो हनीफ के पुत्र मो सुन्ना के साथ की थी. कुछ समय बाद से ही पति व ससुरालवाले दहेज में तीन लाख रुपये की मांग करने लगे. इसको लेकर बहन को प्रताड़ित करने लगे. बाद में मो सुन्ना बिना दहेज पत्नी को विदा नहीं कराने पर अड़ा रहा. पंचायत के बाद उसे विदा कर ले गये. उन लोगों ने तीन लाख रुपये नहीं मिलने पर बहन को बेच देने की धमकी दी थी. 6 नवंबर 2014 को शहाबुद्दीन को पता चला कि कि उसकी बहन ससुराल में नहीं है. वहां आरोपितों ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. पड़ोसियों ने एक दिन पूर्व मुजफ्फरपुर जिले के मीनापुर थाना के सलेमपुर निवासी अजीत राम के हाथ उसकी बहन को बेचे जाने की जानकारी दी.

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