सड़क दुर्घटना में घायलों को हो सकता है कैशलेस इलाज
सड़क दुर्घटना के शिकार पीड़ितों को अब प्राथमिक इलाज के लिए आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा
सड़क दुर्घटना नकदी उपचार स्कीम को ले नोडल पुलिस पदाधिकारियों को दिया प्रशिक्षण मुंगेर. सड़क दुर्घटना के शिकार पीड़ितों को अब प्राथमिक इलाज के लिए आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा. भारत सरकार की सड़क दुर्घटना नकदी उपचार स्कीम 2025 के तहत अब पीड़ितों को चिह्नित अस्पतालों में 1.50 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकती है. यह सुविधा घायलों को कैसे मिलेगी, इसको लेकर शनिवार को पुलिस लाइन सभागार में थानों के नोडल पुलिस पदाधिकारी का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें यातायात डीएसपी प्रभात रंजन व परिवहन विभाग के मोटर यान निरीक्षण (एमवीआई) जमीर आलम ने जानकारी दी. बताया गया कि बिहार में अभी इस योजना की शुरुआत नहीं हुई है. लेकिन इसको लेकर पुलिस पदाधिकारियों की जबावदेही तय कर दी गयी है. थाना के सहायक थानाध्यक्ष को इस योजना के लिए नोडल पुलिस पदाधिकारी बनाया गया. कार्यशाला में योजना के बारे में बताया गया. यातायात डीएसपी ने बताया कि सड़क दुर्घटना के बाद पुलिस द्वारा एक विस्तृत रिपोर्ट (डिटेल्ड एक्सीडेंट रिपोर्ट) तैयार की जायेगी और एक एक्सीडेंट आइडी बनाई जायेगी. सूचीबद्ध अस्पताल और पुलिस पदाधिकारी घायल की तस्वीर सहित उसका विस्तृत जानकारी अपने सरकारी मोबाइल से तत्काल अपने आईडी से ऑनलाइन भर कर अपलोड करेंगे. उन्होंने बताया कि घायल को नजदीकी पंजीकृत अस्पताल में भर्ती कराया जायेगा. यदि घायल पहले किसी अन्य अस्पताल में गया है, तो प्राथमिक इलाज के बाद उसे सूचीबद्ध अस्पताल में रेफर किया जायेगा. 1.5 लाख रुपये तक का खर्च सरकार वहन करेगी, भुगतान सीधे अस्पताल को किया जायेगा. पूरी प्रक्रिया पूरी तरह कैशलेस होगी और दुर्घटना की तिथि से सात दिनों तक वैध रहेगी. उन्होंने बताया कि नोडल पुलिस पदाधिकारियों को एसपी के निर्देश पर पहले इसलिए ट्रेनिंग दिया गया, ताकि योजना शुरू होते हए मुंगेर के घायलों को सर्वप्रथम योजना का लाभ दिलाया जा सके.
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