क्षतिग्रस्त उत्तरी किला गेट को बंद करने का लोगों ने किया विरोध
किला के गेट को पक्की संरचना से बंद करने का काम शुरू किया
– लोगों को आक्रोशित होते देख लौटी भवन निर्माण विभाग के अभियंता, संवेदक व कोतवाली पुलिस
मुंगेरक्षतिग्रस्त उत्तरी किला गेट से आवागमन बंद करने के लिए मंगलवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर भवन निर्माण विभाग की टीम संवेदक व पुलिस टीम के साथ पहुंची. जिसका स्थानीय गंगा नगर के साथ ही लालदरवाजा के लोगों ने जमकर विरोध किया. लोगों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया गया, लेकिन लोग रास्ता बंद करने से पहले वैक्लिपक रास्ते की मांग पर अड़े रहे. लोगों को आक्रोशित होते देख बिना काम कराये ही भवन निर्माण विभाग के अभियंता, संवेदक व कोतवाली थाना पुलिस को वापस लौटना पड़ा.
बताया जाता है कि मंगलवार की सुबह भवन निर्माण विभाग के अभियंताओं का दल संवेदक और कोतवाली थाना पुलिस के साथ किला के उत्तरी द्वार पर पहुंची, जब किला के गेट को पक्की संरचना से बंद करने का काम शुरू किया तो गंगा नगर के लोग वहां पर जमा हो गये. देखते ही देखते वार्ड नंबर एक की पार्षद अंशु वाला सहित सैकड़ों की संख्या में वहां गंगानगर व लालदरवाजा के महिला जमा हो गयी. जिसने पक्की संरचना देकर इस द्वार को बंद करने का विरोध किया. लोगों ने कहा कि यह किला का द्वारा बड़ी आबादी का सुगम रास्ता है. इसको बंद करने से आवागमन में परेशानी होगी. अभियंता, संवेदक व कोतवाली थानाध्यक्ष राजीव तिवारी ने बताया कि किला को ध्वस्त होने से बचाने और आम राहगीर हासदे का शिकार नहीं हो. उससे बचाने के लिए यह तत्काल पक्का संरचना दिया जा रहा है. जब पुरातत्व विभाग इसे बनायेगी तो इस द्वार को पहले की तरह आम लोगों के लिए खोल दिया जायेगा, लेकिन लोग बंद करने से पहले वैक्लिपिक मार्ग बनाने की मांग पर अड़ गये. उनका कहना था कि नवरात्र पर इसी मार्ग से लोग गंगा स्नान करने जाते है और जलभर कर चंडिका स्थान पूजा करने जाते है. जबकि दुर्गा पूजा एवं विसर्जन शोभा यात्रा देखने के लिए इसी रास्ते का प्रयोग करते है. लोगो का आक्रोश जब भड़कने की स्थिति में पहुंची तो बिना काम कराये ही अभियंता संवेदक व कोतवाली थाना पुलिस को निर्माण सामग्री सहित लौटना पड़ गया.क्या है मामला
बताया जाता है कि किला का उत्तरी द्वार क्षतिग्रस्त हो चुका है. जबकि द्वार में लगे सामग्री का मलवा टूट-टूट कर गिर रहा है. जब इस द्वार की मरम्मती नहीं हो पायी तो भवन निर्माण विभाग ने किला और उस होकर गुजरने वालों को हादसों से बचाने के लिए बांस-बल्ला पर लोहे का प्लेट स्पोर्ट के लिए लगाया. लेकिन लोगों ने इस स्पोर्ट को खोल दिया और पैदल- मोटर साइकिल के अलावे इस लोकर यात्री वाहनों का परिचालन शुरू हो गया. जबकि भवन निर्माण विभाग ने पहले ही आगाह कर दिया है कि यह द्वार कभी भी ध्वस्त हो सकता है और इस होकर आवागमन होने से जान-माल की क्षति हो सकती है. जिसके कारण प्रशासनिक निर्देश पर इस द्वार को पक्की संरचना देकर इसे सदा के लिए बंद करने का प्रयास किया गया.कहते हैं एसडीओ सदर
एसडीओ सदर कुमार अभिषेक ने बताया कि किला को बचाने व जान-माल की क्षति को रोकने के लिए भवन निर्माण के रिपोर्ट पर इसे तत्काल बंद किया जा रहा था. इस द्वार को पूरी तरह से बंद करने की मंशा नहीं है. इसे ऐसा तैयार किया जा रहा था कि किला के द्वार को स्पोर्ट भी मिल सके और पैदल व मोटर साइकिल तथा साइकिल सवार का आवागमन सुरक्षित इस द्वार से सुरक्षित हो सके. लोग समझ नहीं पाये, लोगों को समझा-बुझा कर कार्य संपादित किया जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
