गंगटी नदी पर बना डायवर्सन फिर डूबा, खड़गपुर-तारापुर मार्ग में परिचालन ठप

गंगटी नदी पर बना डायवर्सन फिर डूबा, खड़गपुर-तारापुर मार्ग में परिचालन ठप

By ANAND KUMAR | July 29, 2025 11:18 PM

हवेली खड़गपुर. पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से एक बार फिर खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग स्थित गंगटी नदी में उफान आ गई. जिससे गंगटी नदी पर बना डायवर्सन पानी में डूब गया और एक बार फिर खड़गपुर का तारापुर से सीधा संपर्क भंग हो गया. मंगलवार की दोपहर बाद इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही पर इसका प्रतिकूल असर पड़ा. गंगटी नदी पर बने डायवर्सन पानी में डूब जाने से पैदल चलने वाले लोगों के साथ बाइक और चार पहिया वाहनों की आवाजाही बिल्कुल बंद हो गई है. ऐसे में सभी वाहनों का परिचालन अब राजारानी तालाब, टेटियाबंबर मार्ग होकर गनैली या खुदिया नहर के रास्ते तारापुर या अन्य जगहों की ओर पहुंच रहे हैं. तारापुर प्रखंड क्षेत्र के अधीन पड़ने वाला गंगटी नदी खड़गपुर-तारापुर की सीमा पर स्थित है. मालूम हो कि खड़गपुर-तारापुर मुख्य मार्ग में सड़क निर्माण का कार्य चल रहा है और जगह-जगह डायवर्सन बनाकर मार्ग से वाहनों का परिचालन किया जा रहा है. लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश से खड़गपुर-तारापुर सीमा पर स्थित गंगटी नदी, डंगरी नदी और महकोला बुढ़िया नदी पर बना डायवर्सन भी बह गया था. जिसके बाद एक सप्ताह तक इस मार्ग से वाहनों का परिचालन बाधित हो गया था और खड़गपुर-तारापुर से सीधा संपर्क भंग हो गया था. अब एक बार फिर गंगटी नदी पर पुन: बनाया गया डायवर्सन पानी में डूब गया और परिचालन बाधित हो गया है. लोगों की माने तो कुल मिलाकर इस मार्ग पर यातायात तभी बहाल हो पाएगा जब गंगटी नदी के जलस्तर में कमी आएगी.

धान की पौध पानी में डूबे रहने से खराब हो गई

असरगंज. गंगा के जलस्तर में लगातार कमी देखी जा रही है. हालांकि निचले इलाकों में पानी अभी भी फैला हुआ है. प्रखंड के चौरगांव, अमैया एवं ढोल पहाड़ी के चौर बहियार में पिछले दस दिनों से धान का बिचड़ा पानी में डूबे रहने से गल गया है. जिससे किसान चिंतिंत हैं. मंगलवार को सीओ उमेश शर्मा एवं राजस्व अधिकारी फैसल खान ने बाढ़ प्रभावित ढोल पहाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण किया एवं किसानों से डूबे हुए फसल के संबंध में जानकारी ली. ढोल पहाड़ी के दिनेश मंडल ने बताया कि तीन बीघा में धान की रोपाई की थी, जो बाढ़ के पानी में डूबे रहने से गल गया. वहीं सैनू मंडल, मंटू मंडल एवं अजबलाल बिंद ने बताया कि धान का पौधशाला नष्ट होने से काफी आर्थिक क्षति हुई है. सीओ ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में धान के फसल की क्षति का आकलन कृषि विभाग द्वारा किया जायेगा.

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