आठ महीने पहले ही मिल गयीथी मंजूरी

जमालपुर : रेलनगरी जमालपुर के दौलतपुर और आशिकपुर के बीच लगभग 700 मीटर के वाइ-लेग पर भले ही मंगलवार को पैसेंजर ट्रेन का परिचालन आरंभ हुआ हो, परंतु इस वाइ-लेग पर पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन की अनुमति आठ महीने पूर्व ही मिल चुकी थी. बताया जाता है कि भारतीय रेल के नियमानुसार किसी नवनिर्मित वाइ-लेग […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 12, 2017 4:59 AM

जमालपुर : रेलनगरी जमालपुर के दौलतपुर और आशिकपुर के बीच लगभग 700 मीटर के वाइ-लेग पर भले ही मंगलवार को पैसेंजर ट्रेन का परिचालन आरंभ हुआ हो, परंतु इस वाइ-लेग पर पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन की अनुमति आठ महीने पूर्व ही मिल चुकी थी. बताया जाता है कि भारतीय रेल के नियमानुसार किसी नवनिर्मित वाइ-लेग पर यात्री ट्रेन चलाने की अनुमति नागरिक एवं उड्डयन विभाग के अधिकारी देते हैं, जो रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) कहलाते हैं.

जमालपुर में निर्मित वाइ-लेग का निरीक्षण पूर्व रेलवे के सीआरएस प्रमोद कुमार आचार्या ने पिछले वर्ष ही किया था. तब से लेकर अब तक वाइ-लेग को लेकर तरह-तरह की चर्चा का बाजार गर्म रहा. कभी तो इसकी लंबाई को लेकर इसे कम बताया जाता रहा, तो कभी इसके घुमाव पर उंगली उठायी गयी. इसके एक्सटेंशन की भी बात आयी. मंडल मुख्यालय तक के अधिकारी इस वाइ-लेग पर पैसेंजर ट्रेन के परिचालन आरंभ होने के बारे में कुछ बताने से कतराते रहे. इन्ही चर्चाओं के बीच श्रावणी मेला के इस पावन अवसर पर आखिर वाइ-लेग पर पैसेंजर ट्रेन चल ही पड़ी. अब बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा विगत 25 अक्तूबर 2016 को ही पैसेंजर ट्रेनों के परिचालन को हरी झंडी दे दी गयी थी. मामला जो भी हो, मेला स्पेशल के रूप में ही सही, यात्री ट्रेन तो चली. वैसे लोगों में चर्चा है कि गया-जमालपुर सवारी गाड़ी को पहले केवल एक महीने के लिए जमालपुर से सहरसा के बीच एक्सप्रेस ट्रेन के रूप में चलाने की घोषणा की गयी थी. निर्धारित समय गुजर जाने के बाद भी अभी तक यह ट्रेन लगातार चल ही रही है. इसी तर्ज पर कहीं मेला स्पेशल ट्रेनों का परिचालन भी हो सकता है.

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